समेलिया धाम में भगवान जांभोजी का हुआ भव्य मेला आयोजित; गुरु पूर्णिमा महोत्सव एवं राष्ट्रीय पर्यावरण चेतना संगम के कार्यक्रम आयोजित

समेलिया धाम में भगवान जांभोजी का हुआ भव्य मेला आयोजित; गुरु पूर्णिमा महोत्सव एवं राष्ट्रीय पर्यावरण चेतना संगम के कार्यक्रम आयोजित
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अपने बच्चों को संस्कारवान ओर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देनी चाहिए – विश्नोई 

भीलवाड़ा

निकटवर्ती समेलिया धाम में श्री गुरु जंभेश्वर मेला गुरू पूर्णिमा महोत्सव एवं राष्ट्रीय पर्यावरण चेतना संगम हर वर्ष की तरह विश्नोई समाज का विशाल यज्ञ एवं पाहल के साथ संपन्न हुआ। जिसमें समाज के सैकङों पर्यावरण प्रेमियों ने घी व नारियल की स्वाह के साथ में आहुति देते हुए खुशहाली की कामना की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जीव जंतु कल्याण बोर्ड के जसवंतसिंह विश्नोई ने कहा कि मनुष्य जीवन सबसे बड़ा जीवन है। उन्होंने कहा अपने को दूसरों की भलाई ओर सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य जन्म पाकर के भगवान के गुणगान नहीं किए वह इस चराचर जगत में जन्म लेना ही व्यर्थ है। उन्होंने कहा कि आज वर्तमान समय में आधुनिक शिक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करवाने अपने बच्चों को अधिक से अधिक संस्कार देकर विद्यालय से जोड़ रखने की बात कही। साथ ही साथ वर्तमान समय में टूटते रिश्ते पर भी अपना ध्यान केंद्रित करना होगा। जिससे कि हम हमारी सदियों से चली आ रही परंपरा को जीवित रख सके। इसी क्रम में बिहारीलाल पूर्व विधायक नोखा ने कहा कि मेला संस्कृति में व्यक्ति एक दूसरे से मिलने एवं सामाजिक रीति-रिवाजों के आपसी विचार विमर्श, ओर भाईचारा बढ़ाने का सबसे महत्वपूर्ण उत्सव है। जिससे समाज के रीति रिवाज एक दूसरे की पहचान सही संभव हो पाता है वह इन मेलों में ही हो पाता है।

इसी क्रम में खमुराम खिचङ पर्यावरण विद ने कहा कि बिना संस्कार शिक्षा का कोई महत्व नहीं है। संस्कारवान व्यक्ति ही देश समाज और परिवार का नाम रोशन कर सकता है। इसी क्रम में मोहनलाल कङवासरा आरवा प्रदेश उपाध्यक्ष श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा संस्था ने कहा कि वर्तमान समय में समाज को नशा का अधिक बोल बाला है। इस कम करना ही होगा। कङवासरा ने पर्यावरण को बढ़ावा देने की भी बात कही।

जागरण में बही भजनों की सरिता

पूर्व संध्या में भव्य जागरण का आयोजन किया गया। जिसमें संत महात्माओं की ओर से भगवान जाम्भोजी की आरती, साखी,भजन, कीर्तन से सबक मन‌मोह लिया। इस दौरान स्वामी सच्चिदानंद महाराज के मुखारविंद से विभिन्न धार्मिक प्रस्तुतियां दी गई।

महाराज ने जांभोजी की साखी भजन कीर्तन, कथा की स्वर लहरियों के बीच हजारों श्रद्धालु भगवान जांभोजी के जीवन उपयोगी बताई गई बातों को आत्मसात करने का संकल्प दोहराते हुए भगवान जांभोजी द्वारा प्रदत 29 नियमों की कड़ाई से पालन करने का संकल्प दिलवाया।

 

इनकी मौजूदगी रही

इस अवसर पर महन्त स्वामी भगवान प्रकाश समेलिया धाम भीलवाड़ा, महन्त स्वामी सच्चिदानंद लालासर साथरी बीकानेर, कृष्णानंद नेमावर मध्य प्रदेश, मनोहर दास धवा, श्ररवण दास मुक्ति धाम मुकाम, अशोकान्द समेलिया धाम, आत्मानंद बदरीनाथ आश्रम,शान्तानंद कोलायत, रामकिशोर दास, जसवंतसिंह विश्नोई जीव जंतु कल्याण बोर्ड राजस्थान, बिहारीलाल पूर्व विधायक नोखा, शिवराज जाखङ, अमरचंद दिलोईया अध्यक्ष भीलवाड़ा, मोहनलाल कङवासरा आरवा, खमूराम खिचङ पर्यावरण विद, जगरामाराम मांजू पर्यावरण टीम जोधपुर, किशनाराम बागङवा पर्यावरण टीम सांचोरी मालाणी, मांगीलाल सागरपुर, किशनलाल पंवार सहित समाज के लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का मंच संचालन अरमान कङवासरा ने किया।

संपादक: भवानी सिंह राठौड़ (फूलन)

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