पांच पुलिस जवानों के भरोसे डेढ़ लाख की आबादी:बढ़ते अपराध के बीच स्टाफ की कमी से जूझ रहा पुलिस महकमा, समय पर फरियादियों की नही हो रही सुनवाई
पादरू उप तहसील में पुलिस जवानों का विस्तार नही, फरियादी झेल रहे परेशानी
सिवाना उपखण्ड क्षेत्र के उप तहसील पादरू कस्बे में लम्बे समय से पुलिस सेवा का विस्तार नही होने के कारण आमजन व फरियादियो को न्याय के लिए परेशानी उठानी पड़ती है। लम्बे समय से ग्रामीणों व जन प्रतिनिधियों द्वारा पादरू मुख्यालय पर पुलिस थाना खुलवा कर पुलिस बेड़े के विस्तार की मांग की गई। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नही हो पाई है। जबकि क्षेत्र की आबादी एक लाख पचास हजार से भी ज्यादा है। मांग के बावजूद पुलिस सेवा का विस्तार नही होने से कस्बेवासी सहित ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त हैं, उल्लेखनी हैं भाखरडा बेल्ट होने की वजह से कई आपराधिक प्रवृत्ति के लोग इसी रुट से अपनी गतिविधियों को अंजाम देते हैं। ऐसे कई मामले सामने भी आए हैं। ऐसी घटनाओ पर अंकुश लगे इस हेतु स्टाफ बढ़ाने की मांग लंबे समय से की जा रही हैं मगर कोई सुनवाई नही हो रही हैं।
यह है वर्तमान की स्थिति
पादरू उप तहसील क्षेत्र की 14 ग्राम पंचायतों सहित 42 राजस्व गांव की कुल आबादी लगभग 1 लाख पचास हजार है। जिसकी सुरक्षा के लिए एक मात्र हेड कांस्टेबल व 4 पुलिस कार्मिको के भरोसे चल रही है। सिवाना क्षेत्र के दूसरे बड़े 25 हजार की आबादी वाले पादरू कस्बे सहित आसपास के 13 ग्राम पंचायतों की सुरक्षा के लिए पादरू पुलिस चौकी में मात्र एक हेड कांस्टेबल सहित 4 पुलिस कार्मिक ही नियुक्त है। ऐसे में आम फरियादियो को न्याय के लिए परेशानी उठानी पड़ती है। एक साथ दो घटनाएं होने पर पुलिस कार्मिको के भी घटनास्थल पर पहुचने व मौका स्थिति संभालने में पसीने छूटते है। साथ ही पादरू उप तहसील तीन जिलों की सीमाओं से जुडी हुई है। पादरू-सिणधरी-बाड़मेर, पादरू-बालोतरा व पादरू-सायला-जालोर तथा भारतमाला हाइवे मुख्य मार्ग जुड़े हुए हैं। उक्त मार्गो पर दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ रहा है। साथ ही आपराधिक गतिविधियों में पिछले दो दशक से बहुत ज्यादा इज़ाफ़ा हुआ है। मादक पदार्थों की तस्करी से लेकर लूट, हत्याए, अपहरण जैसी घटनाएं भी बढ़ती जा रही है।
जनप्रतिनिधि करें पहल तो बात बने
जनप्रतिनिधि इस क्षेत्र से भलीभांति वाकिफ हैं, इतना बड़ा कस्बा, इतने गाँव इतनी बड़ी आबादी, जो जनप्रतिनिधियों की नजर में हैं, उन्होंने वोटर्स के भी आंकड़े बनाये हुए हैं। ऐसे में अगर एक मेहरबानी यह भी की जाएं जैसा कि ग्रामीण चाहते हैं तो यहां की जनता आपका उपकार ही मानेगी। क्योंकि यह सब आप जनप्रतिनिधियों के हाथ ही हैं। आगे चुनाव भी हैं, आपराधिक गतिविधियों में इजाफा भी होगा। जैसा कि लगातार विभिन्न क्षेत्रों से देखा जा रहा हैं। ऐसे में अगर आप ग्रामीणों की मांग पूरी करेंगे तो फायदा आपको ही होगा। क्योंकि आजकल जनता उन्हें ही वोट करती हैं जो उनकी मांगें पूरी करें।
थानेदार का पद स्वीकृत कर पुलिस सेवा का हो विस्तार।
ग्रामीणों ने बताया कि यहाँ आपराधिक आंकड़े बढ़ रहे हैं, पांच पुलिस जवानों के भरोसे डेढ़ लाख की आबादी हैं। एक साथ दो घटनाएं घटित होने पर पुलिस कहाँ कहाँ कार्यवाही करने को पंहुचे ऐसे में जरूरी हैं को यहाँ थानेदार की पोस्ट स्वीकृत हो साथ ही पुलिस स्टाफ में भी बढ़ोतरी हो ताकि आपराधिक घटनाओं पर भी अंकुश लग सकें। और आमजन भी चैन की नींद सो सकें। क्योंकि हाल ही में पादरू के निकटवर्ती गांव में एक बड़ी घटना घटित हो चुकी हैं। स्टाफ में इजाफा होगा तो गश्त भी होगी और अपराध पर अंकुश भी लगेगा।
इनका कहना
पादरू उप तहसील क्षेत्र में आमजन को तुरंत न्याय व पुलिस सुरक्षा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नई व्यवस्था के तहत थाना खोलकर थानेदार के पद के साथ चार हेड कांस्टेबल, 25 कांस्टेबल की की नियुक्तियां की जाए।
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हितेश जैन, सचिव जिला कांग्रेस कमेटी बाड़मेर
वास्तव मे पादरु पुलिस चौकी 56 साल से क्रमोनत नही हुई है। जबकी यहा थाना बनना चाहिए, थाना होगा तो फरियादियों को न्याय व सुरक्षा मिलेगी। साथ ही कस्बे मे अनार की मंडी होने पर यहा भारी वाहनो का आवागमन रहता है, स्टाफ में इजाफा होगा तो ट्रैफिक व्यवस्था में भी सुधार होगा।
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तेजकरण श्रीमाली, ग्रामीण पादरू
मेरे गाँव से चौकी 13 व पुलिस थाना 52 किलोमीटर है जिला बार्डर होने से तस्कर इसी रास्ते से तस्करी करते हैं। ऐसे में अगर पुलिस स्टाफ में इजाफा हो तो तस्करों पर अंकुश लग सकता हैं।
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बलाराम देवासी, ग्रामीण कांखी