इकलौते बेटे की दोनों किडनियां खराब, सरकार व भामशाह से मदद की आस, 30 वर्षीय भमराराम का कई जगहों पर करवाया इलाज मगर नही हो रहा स्थिति में सुधार
नमस्कार नेशन/सिवाना
घर पर परिवार में खुशहाली से जीवनयापन कर रहे थे, खेती करने में भमराराम अपनी विधवा माँ व परिवार के साथ में हाथ बढ़ा रहा था वही ट्रेक्टर से भी अपने खेत को जोतने घरेलू काम करने व अन्य कई कार्यों को करने के लिए हमेशा तत्पर रहता था। एक दिन अचानक पेट में दर्द होने से परिजन अलग-अलग अस्पताल लेकर गए। जब डॉक्टरों द्वारा मेडिकल जांच करवाई गई तो डॉक्टरों की टीम ने बताया कि भमराराम की दोनों किडनियां फैल हैं और इनका जीवन बचाने के लिए 2 नई किडनियां उपलब्ध करवानी पड़ेगी जिसका तीस से चालीस लाख रुपये तक का खर्चा होगा। इस पर भमराराम व उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। इससे पहले घर परिवार से मदद की गई थी लेकिन भमराराम के इलाज में कोई सुधार नहीं होने से भमराराम के परिवार वालों ने इलाज करवाने के लिए अलग अलग कई बड़े शहरों में पादरू से बालोतरा, अहमदाबाद, नड़ियाद गुजरात, डिसा, पालनपुर सहित अन्य कई जगहों पर बड़े अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए गए लेकिन अभी तक किसी भी तरह का सुधार नहीं हुआ हैं।
इलाज के लिए काफी कुछ बेच दिया मगर स्थिति में नही हुआ सुधार
भमराराम के लिए बेहतर इलाज के लिए खेत से जो आने-जाने का साधन व खेत जोतने के लिए उपलब्ध ट्रैक्टर ट्रॉली, थ्रेशर मशीन एवं अन्य साधन व सोना चांदी से बने गहने भी बेचने पड़ गया है लेकिन अभी तक सुधार नहीं मिलने से स्थिति दिनों दिन बिगड़ती जा रही हैं।
समाजसेवी संस्थाएं, भामाशाह व प्रशासन करें मदद तो बच सकता हैं भमराराम का जीवन
विडंबना देखिए, बुढ़ापे में उनकी माँ के लिए बुढ़ापे में सहारा बनना चाहिए था लेकिन अब भमराराम की पत्नी माँ के सहारे से पकड़कर एक जगह से दूसरी जगह पर करना पड़ रहा है, लंबे समय से बीमार होने से रहने से भमराराम के परिवार का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो गया है, भमराराम के परिवार में दो बेटे व दो बेटियां भमराराम की पत्नी व बुजुर्ग विधवा माँ हैं, भमराराम के बीमार होने से उनके पूरे परिवार का पालन पोषण भी समय पर नहीं मिल रहा है, इसलिए भमराराम की बुजुर्ग विधवा माँ इलाज कराने के लिए समाजसेवी संस्थाओं, भामाशाहों व प्रशासन से इलाज करवाने की मांग कर रही हैं।
पाबु देवी का इकलौता बेटा हैं भमराराम
पाबु देवी का इकलौता बेटा भमराराम जो पूरे घर के लिए खेती व मजदूरी कर पालन पोषण कर रहा था,परिवार में कमाने के लिए परिवार का इकलौता बेटा ही था जो पत्नी व बुजुर्ग विधवा माँ भमराराम की देखभाल कर रही हैं और अब मजदूरी भी बंद होने से परिवार का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो गया है और आर्थिक स्थिति कमजोर होने से इलाज के अभाव में खाट पर जिंदगी और मौत के बीच में जंग लड़ रहा है, बेटे के इलाज के लिए दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा है, परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर हैं।
ऐसे कर सकते हैं मदद
अगर इस परिवार की कोई मदद कर भमराराम का जीवन बचाने में सहयोग करना चाहता हैं वो बैंक खाता नंबर- 611841532477, आईएफएससी कोड- SBIN0031470
खाता धारक का नाम भमराराम, एसबीआई बैंक शाखा पादरू में जमा करवा सकता हैं।