सावन के दूसरे सोमवार को हल्देश्वर महादेव मंदिर में उमड़ी शिवभक्तों की भीड़

सावन के दूसरे सोमवार को हल्देश्वर महादेव मंदिर में उमड़ी शिवभक्तों की भीड़
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महंत ने मंदिर परिसर प्लास्टिक मुक्त, स्वच्छ पर्यावरण बनाए रखने की अपील की

सिवाना

अभी सावन माह चल रहा हैं, मंदिरों में शिवभक्तों की भीड़ उमड़ रही हैं। इसी कड़ी में बालोतरा जिले के सिवाना उपखंड क्षेत्र के पीपलून गांव के पास दुर्गम पहाड़ियों में हल्देश्वर महादेव का मंदिर हैं, जहां दर्शन के लिए भक्त सांत पहाड़ियां पार कर पंहुचते हैं। क्योंकि यहाँ श्रद्धा हैं, भक्ति हैं, भक्तों की आस्था का केंद्र हैं इसलिए वो अलसवेरे ही सफर शुरू कर देते हैं। बता दें कि अभी सावन का मौसम हैं, बारिश के चलते चंहुओर हरियाली की चादर बिछी हुई हैं। भक्त दर्शन को पंहुच रहे हैं। क्योंकि यहां आस्था का मेला लगता हैं। और विशेषकर सावन में भक्तों की आस्था उमड़ती है। यहां पहुंचना इतना आसान नहीं है। श्रद्धालुओं व पर्यटकों को धाम तक पहुंचने के लिए सात पहाडिय़ां पार करनी पड़ती हैं। पहाड़ी रास्ता दुर्गम और भटकाने वाला है। भगवान भोले के प्रति आस्था यहां आने वाले को सुगम मार्ग प्रशस्त करती है। ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाले भक्त की मनोकामना पूर्ण होती है। बावजूद इसके इस मंदिर की सदैव बेकद्री ही होती आई हैं। क्योंकि इतना बड़ा सुप्रसिद्ध मंदिर होने बावजूद सुविधाओं में विस्तार नही हो पाया हैं, अब तक जो हुआ व मंदिर के सहयोग से ही हुआ हैं।

 

सरकार सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध करावें

यहां इतना बड़ा दर्शनीय स्थल होने की वजह से देशभर से भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं, मगर सड़क मार्ग नहीं होने से पहाड़ी पर चढ़ाई व उतरने के दौरान कई बार हादसे होते रहते हैं, जिसमें कई लोग चोटिल भी हुए है। घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने में घंटों समय लग जाता है। बड़े हादसे होने पर प्रशासन व पुलिस का दल भी समय पर घटना स्थल तक नहीं पहुंच पा रही है। वहीं रास्ता लंबा होने की वजह से यहाँ नशेड़ी लोग नशा भी करते रहते हैं ऐसे में भक्तों में हमेशा भय का माहौल बना रहता हैं, इस पर रोक लगे इस हेतु कई बार सिवाना पुलिस प्रशासन को अवगत करवाया मगर अभी तक भक्तों की सुरक्षा को लेकर अभी तक कोई व्यवस्था नही की गई हैं।

 

स्वच्छ पर्यावरण बनाए रखने की अपील

हल्देश्वर महादेव मंदिर महंत भीमगिरी महाराज ने पर्यावरण स्वच्छ बनाए रखने के लिए भक्तों से अपील की हैं कि मंदिर परिसर में प्लास्टिक बैग का उपयोग नही करें, इधर उधर कचरा न डालें। मंदिर परिसर को स्वच्छ बनाए रखें। प्लास्टिक पर्यावरण सहित मानव जीवन के लिए भी घातक है क्योंकि इसको जलाने से उठने वाले धुओं से पर्यावरण प्रदूषित होता हैं जिससे हमें मजबूरन जहरीली सांस लेनी पड़ती है। वहीं प्लास्टिक को खुले में छोड़ने पर इसे मवेशी खा लेते हैं जो उनके लिए मौत का कारण बनते हैं। इसलिए मंदिर परिसर को प्लास्टिक मुक्त करते हुए कपड़े की थैली का उपयोग कर पर्यावरण को शुद्ध बनाएं रखें।

 

वन्य जीवों से सावधानी बरतें

मंदिर के महंत भीमगिरी महाराज के शिष्य गणेश गिरी महाराज ने बताया कि मंदिर तक पंहुचने के लिए सांत पहाड़ियां पार करनी होती हैं इस दरम्यान घने जंगल भी आते हैं जिनमें वन्य जीव विचरण करते रहते हैं जिसमें हाल ही में इस रास्ते पर 2 तेंदुए नजर आए हैं, इसलिए चढ़ाई अकेले न करके एक साथ ही करें। और बच्चों का खासकर ध्यान रखें। क्योंकि तेंदुए कब किसको चोट पंहुचाएँ इस पर कुछ कहा नही जा सकता इसलिए चढ़ाई के दौरान पूर्ण सावधानी बरतें।

संपादक: भवानी सिंह राठौड़ (फूलन)

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