जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते सरकारी जमीन चढ़ी अतिक्रमीयों की भेंट, आखिर कौन करेगा कार्यवाही?

जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते सरकारी जमीन चढ़ी अतिक्रमीयों की भेंट, आखिर कौन करेगा कार्यवाही?
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न अतिक्रमण हटे, न मामले को लिया संज्ञान में, स्थिति जस की तस, मुंह बंदी की आ रही बू

नमस्कार नेशन/समदड़ी

सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों पर प्रशासन द्वारा कार्यवाही नही किए जाने से प्रशासन के उपर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। कई जमीनों पर अवैध पट्टे जारी किए गए तो कई जमीन पर भू-माफियाओं द्वारा कब्जा कर ली गई है, जिसकी शिकायत करते करते ग्रामीण थक गए हैं लेकिन प्रशासन अभी भी खाली करवाने में नाकाम साबित हो रहा हैं। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या प्रशासन सरकारी जमीन से भू माफियाओं का कब्जा मुक्त करा पाएगी? दरअसल मामला समदड़ी कस्बे के करमावास गांव का हैं, जहां कुछ वर्ष पूर्व शिल्पबाड़ी योजना के नाम से आवंटित हुई जमीन पर अतिक्रमण कर लोग पक्का मकान बना रहे हैं, इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी आंख मुंदकर बैठे हुए हैं। कार्रवाई करने के बजाय मामले को संज्ञान लेने को भी तैयार नही हैं। इसकी वजह से इस मार्ग में विभागीय अधिकारियों के आंख के सामने अतिक्रमण हो रहा और वे कुछ नहीं कर रहे हैं। अधिकारियों के पास कार्रवाई के लिए समय नहीं है या मुंह बंदी की वजह से कार्यवाही करने से मुंह मोड़ रहे हैं। दरअसल यह मामला बाड़मेर जिले के समदड़ी तहसील के करमावास गांव का हैं जहां सिवाना से समदड़ी जाने वाले स्टेट हाइवे पर स्थित सुइली-सांवरड़ा फांटा पर शिल्पबाड़ी योजना के अंतर्गत 30 जगहों पर उद्योग खुलने चाहिए थे, लेकिन विभाग की उदासीनता के चलते वहां एक भी उद्योग नही खुल सका। लेकिन ग्राम पंचायत की मिलीभगत से वहां पट्टे जारी कर दिए हैं, जहाँ आवास, दुकानें आदि बनाई जा रही हैं। वहीं शेष पड़ी जगहों पर कुछ रशुकदार रंगरोगन करवाकर उसको हड़पने पर आमादा हैं।

आखिर जिम्मेदार क्यों नही कर रहे कार्यवाही?

बता दें कि यहां पर शिल्पबाड़ी योजना के अंतर्गत जमीन आवंटित की गई थी। वो योजना तो धरातल पर खरी नही उतर पाई मगर ग्राम पंचायत की मिलीभगत से उक्त जमीन अतिक्रमियों के खूब काम आ गई। ग्राम पंचायत ने अवैध रूप से अपने चहेतों को पट्टे जारी कर दिए, जिससे अतिक्रमियों की चांदी हो गई। इसके बावजूद प्रशासन द्वारा सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त क्यों नही करवाया जा रहा हैं, इससे प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।

इनका कहना :

अगर ग्राम पंचायत ने शिल्पबाड़ी के नाम से जमीन आवंटित कर दी हैं तो मैं दिखवाता हूँ मामले को

हनुमानराम बेनीवाल, विकास अधिकारी, सिवाना-समदड़ी

संपादक: भवानी सिंह राठौड़ (फूलन)

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