डिमांड राशि भरे चार माह बीतने के बाद भी नही जोड़ा बिजली कनेक्शन

डिमांड राशि भरे चार माह बीतने के बाद भी नही जोड़ा बिजली कनेक्शन
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सरपंच बोले: आखिर विद्युत कनेक्शन जोड़ने की जिम्मेदारी किसकी? 

अधिकारी बोले: डिमांड राशि की रसीद ऑफिस लाइए कनेक्शन जोड़ देंगे।

मायलावास

सिवाना डिस्कॉम के अधिकारियों की लापरवाही के चलते घरेलू व कृषि बिजली कनेक्शन की डिमांड राशि जमा कराने के चार माह बाद भी उपभोक्ताओं को बिजली विभाग द्वारा कनेक्शन नहीं दिया जा रहा है। जबकि डिमांड राशि भरने के 15 दिवस के भीतर विभाग को विद्युत सप्लाई देनी होती हैं। लेकिन यहां डिमांड राशि भरे चार महीने से ज्यादा का समय बीत गया मगर अभी तक कनेक्शन नहीं जोड़ा गया हैं। डिमांड राशि जमा होने पर भी कनेक्शन नहीं देने के सिवाना क्षेत्र में ऐसे कई मामले सामने आते रहते हैं। जिसमें एक मामला सिवाना उपखंड क्षेत्र के मायलावास ग्राम पंचायत का हैं। जहां 24 अगस्त 2023 को डिमांड राशि 17727 जमा करा दी थी बावजूद इसके आज तक भी कनेक्शन कराने के लिए विभागीय कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे है। लेकिन वहां पर सुनने वाला कोई नहीं। इस पर विभाग के सहायक अभियंता ने बताया कि डिमांड भरी रसीद देखकर ही बता सकते हैं इसलिए रसीद ऑफिस लाकर दिखाइए कनेक्शन जोड़ दिया जाएगा। गौरतलब है कि डिस्कॉम में बिजली कनेक्शन आवेदन की प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन सॉफ्टवेयर सिस्टम बना हुआ है लेकिन बिजली विभाग कार्यालय पर अधिकांश में ऑफलाइन फाइल ही जमा की जा रही है ताकि सिस्टम में कनेक्शन का आवेदन पेंडिंग नहीं दिखे और कार्यालय के अधिकारी अपनी मनमर्जी से कनेक्शन जारी कर सकें।

 

प्रावधान की उड़ रही धज्जियां

क्षेत्र में बेवजह उपभोक्ताओं को डिमांड राशि जमा करने के बावजूद कई महीनों तक भी कनेक्शन नहीं दिए जा रहे हैं। जबकि डिमांड राशि भरने के 15 दिवस के भीतर विद्युत कनेक्शन जोड़ने का प्रावधान हैं। अन्यथा उच्च अधिकारियों द्वारा जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है। बावजूद इसके प्रावधान के क्षेत्र के अधिकारी खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा हैं।

 

इनका कहना

सार्वजनिक गौशाला के विद्युत कनेक्शन के लिए चार माह पूर्व डिमांड राशि भरने के बावजूद कनेक्शन नहीं जोड़ा जा रहा हैं। कई बार दफ्तर के चक्कर काटने बावजूद भी कोई सुनवाई नही हो रही हैं। आखिर कनेक्शन जोड़ने की जिम्मेदारी किसकी हैं यह समझ से परे हैं।

अशोकसिंह राजपुरोहित, मायलावास सरपंच

संपादक: भवानी सिंह राठौड़ (फूलन)

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