75वें निरंकारी संत समागम के प्रति उत्साह चरम पर विविधता में एकता का आलौकिक स्वरूप -75वां वार्षिक निरंकारी संत समागम

75वें निरंकारी संत समागम के प्रति उत्साह चरम पर विविधता में एकता का आलौकिक स्वरूप -75वां वार्षिक निरंकारी संत समागम
Spread the love

नमस्कार नेशन/ सूरत

समदृष्टि के भाव को दर्शाते हुए 75वें वार्षिक निरंकारी संत समागम का भव्य शुभारम्भ दिनांक 16 से 20 नवम्बर तक संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा ग्राउंड (हरियाणा) में आयोजित होने जा रहा है। जिसके प्रति पूरे विश्व के लाखों श्रद्धालुओं के साथ सूरत के निरंकारी भक्तों का उत्साह चरम पर देखा जा रहा है।

दक्षिण गुजरात के प्रभारी श्री ओंकार सिंह जी ने बताया कि संत समागम की तैयारिया लगभग सम्पन्नता की ओर है। 75वां वार्षिक निरंकारी संत समागम स्वंय में ऐतिहासिक एंव अनूठा है क्योंकि इन दिव्य संत समागमों की अविरल श्रृंखलाओं ने सफलतापूर्वक अपने 74 वर्ष सम्पन्न कर लिये है।

विभिन्न त्यौहारों के इस समय में सभी श्रद्धालु भक्त अपने पारिवारिक दायित्वों को निभाते हुए संत समागम सेवाओं में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। सत्गुरु माता जी भी समागम स्थल की संपूर्ण गतिविधियों का अवलोकन कर रहे हैं और उनके पावन दर्शनों की प्राप्ति कर सभी भक्तजन स्वयं को धन्य महसूस कर रहे हैं। अपने सत्गुरु के दिव्य दर्शनों की प्राप्ति से भक्तों में भी सेवा का और अधिक उत्साह देखने को मिल रहा है। आध्यात्म के इस आलौकिक स्वरूप को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो जैसे समागम सेवाओं में सम्मिलित होने वाला प्रत्येक भक्त दिव्यता के वातावरण में प्रतिपल भक्तिमय हो रहा हो।

इस वर्ष के 75वें वार्षिक निरंकारी संत समागम में भारत एंव दूर देशों से अधिक से अधिक संख्या में श्रद्धालु भक्त सम्मिलित होंगे। समागम स्थल पर सत्संग पंडाल के अतिरिक्त रिहायशी टेंट भी लगाए जा रहे हैं जहाँ बाहर से आने वाले श्रद्धालु भक्तों के लिए ठहरने तथा लंगर इत्यादि की उचित व्यवस्था होगी। साथ ही अलग-अलग मैदानों में कुछ कैन्टीनों की भी सुविधाएं दी जायेंगी जिसमें जलपान इत्यादि वस्तुएं रियायती दरों पर उपलब्ध होंगी। इसके अतिरिक्त मैंदानों में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही पार्किग, सुरक्षा इत्यादि की भी उचित व्यस्था की जा रही है ताकि आने वाले सभी भक्तों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो। सत्संग पंडाल के आसपास संत निरंकारी मण्डल के विभिन्न विभाग, समाज कल्याण विभाग इत्यादि के कार्यालय भी होंगे। प्रकाशन विभाग की ओर से अगल-अलग स्थानों पर स्टॉल लगाए जायेंगे। इसके अतिरिक्त मिशन के इतिहास एंव सम्पूर्ण समागम के स्वरूप को निरंकारी प्रदर्शनी के मुख्य आकर्षण के रूप में दर्शाया जायेगा।

इस दिव्य संत समागम में सम्मिलित होने वाले भक्तों के लिए भारतीय रेलवे द्वारा आध्यात्मिक स्थल समालखा के निकट भोड़वाल माजरी रेलवे स्टेशन पर लगभग सभी ट्रेनों के रूकने की अनुमति दी गयी है। इस सुविधा से रेलयात्रा करने वाले भक्तगण लाभान्वित हो सकेंगे।

इस दिव्य संत समागम का उद्देश्य मानवता एंव भाईचारे की भावना को दृ़ढ़ता प्रदान करना तथा ‘रूहानियत में इंसानियत’ के महत्व को दर्शाना है जो केवल ब्रह्मानुभूति से जुड़कर ही संभव है।

संपादक: भवानी सिंह राठौड़ (फूलन)

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Don`t copy text!