एक्सक्लुसिव न्यूज विद्यालय क्रमोन्नति के बाद भी आगे नही पढ़ पा रही है बेटियां
राखी में कन्या उमावि में शिक्षण व सुविधाओं के अभाव में पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर बेटियां
मायलावास
बालोतरा जिले की समदड़ी तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत राखी में कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय गत एक साल से क्रमोन्नत होने के बावजूद शिक्षकों की कमी व आवश्यक सुविधाओं के अभाव में बेटियां आगे नही पढ़ पा रही है। तथा मजबूरन उन्हें पढ़ाई से नाता तोड़ना पड़ रहा है। जबकि सरकार व शिक्षा विभाग बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जा रहा हैं। ताकि बेटियों का शिक्षा के प्रति लगाव बना रहे हैं। तथा उच्च शिक्षा में आगे बढ़ सके। लेकिन गांवो में आज भी कई स्कुलें ऐसी हैं। जहां सरकारी विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव हैं। कहीं शिक्षकों की कमी तो कहीं कक्षा कक्ष का अभाव होने की वजह से बालिकाएं या तो अन्य स्कूलों में प्रवेश लेने पर मजबूर हैं। या फिर शिक्षा से नाता तोड़कर घर के कामों में हाथ बंटा रही हैं।
यह है विद्यालय की वर्तमान स्थिति
गत एक साल पूर्व क्रमोन्नत हुए राजकीय कन्या उमावि में वर्तमान में कुल नामांकन 140 छात्राओं का है। पूर्व में यह उच्च प्राथमिक विद्यालय था। जिसमे संस्था प्रधान सहित कुल 8 शिक्षक नियुक्त थे। आज भी वही के वही आठ वाली स्थिति बनी हुई है। जबकि क्रमोन्नति के बाद व्याख्याताओं सहित कुल 13 अतिरिक्त पद सृजित हुए हैं। लेकिन सभी खाली पड़े हैं। इधर कक्षा कक्ष की पहले से ही कमी हैं। इसलिए 9 कक्षाओं का संचालन 5 कमरों में करना पड़ रहा हैं। जिसके लिए एक कक्षा को दूसरी कक्षा में शिफ्ट करना पड़ता है। एक साल के दरम्यान विषयाध्यापकों की नियुक्ति नही होने के वहीं स्कूल में शौचालय भी कॉमन होने के कारण कक्षा 9वी में 19 बालिकाओं में से 9 बालिकाओं का ही प्रवेश रहा हैं। रसोई घर की स्थिति पिछले चार सालों से क्षतिग्रस्त हैं। मगर उसकी मरम्मत अभी तक नही करवाई गई हैं। जिससे खाना पकाने का कार्य भी कक्षाओं लिए बने कमरें में किया जाता हैं। जगह कम होने के बावजूद प्रार्थना भी वही करनी पड़ रही हैं। रंगरोगन तक नही करवाया जा रहा हैं जबकि अन्य स्कुलों में स्कूल की तस्वीर बदलने की खबरें अखबारों में प्रकाशित होती रही हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार विद्यालय की बालिकाओं के खेलने के लिए खेल मैदान हेतु जमीन भी आवंटित की हुई हैं। लेकिन वो भी उपयोग के लायक नहीं हैं।
सुविधाओं में हो विस्तार तो मिले क्रमोन्नति का फायदा
किसी भी विद्यालय को क्रमोन्नत इसलिए किया जाता हैं ताकि उसकी स्कूली शिक्षा एक ही स्कूल में पूरी हो और आसपास के विद्यार्थियों को आगे की शिक्षा पूरी करने के लिए अन्य स्कूल में प्रवेश लेने की जरूरत न पड़ें लेकिन जब क्रमोन्नति के बाद भी उक्त विद्यालय में सुविधाओं का विस्तार न हो तो क्रमोन्नति का क्या फायदा हुआ ? क्योंकि इस विद्यालय के हाल क्रमोन्नति के बाद भी पहले जैसे ही बने हुए हैं। क्योंकि नए शिक्षकों की नियुक्ति नही हो पाई हैं और कक्षा कक्ष में तो इजाफे की सख्त आवश्यकता हैं क्योंकि अभी भी भवन की कमी चल रही हैं। मूलभूत सुविधाओं के अभाव में कई बेटियों ने इस स्कूल को छोड़ दिया हैं। ऐसे में अगर यहां सुविधाओं में विस्तार हो तो क्रमोन्नति का फायदा मिल सकता हैं।