विद्युत विभाग की तानाशाही से किसान परेशान, दिया धरना किसानों ने विद्युत विभाग पर मनमर्जी का लगाया आरोप
भारतीय किसान संघ ने मुख्यमंत्री के नाम सौपा ज्ञापन
नमस्कार नेशन/सिवाना
क्षेत्र के पादरू कस्बे में बिजली विभाग के अधिकारी के तानाशाही व मनमानी करने के खिलाफ किसानों द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया। क्षेत्र के किसानों के खेतों में सिंचाई करने के लिए समय पर बिजली सप्लाई नही देने व मनमर्जी का आरोप लगाया गया। क्षेत्र में बिजली सप्लाई में बहुत कम वोल्टेज आ रहे हैं, कम वोल्टेज आने के कारण किसानों के खेतों में सिंचाई में काम में लेने वाले उपकरण, पंप, ट्रांसफार्मर, पानी निकालने की मोटरे जलकर राख हो रही हैं। इस पर भारतीय किसान संघ सिवाना के तत्वावधान में ऊर्जा मंत्री व मुख्यमंत्री के नाम विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन में बताया कि बिजली सप्लाई राजस्थान सरकार द्वारा आदेश जारी कर पहले 6घण्टे की थी। आदेश के एक या 2दिन बाद विभाग के अधिकारी द्वारा 4घण्टे करने सिग्नल फेस की सप्लाई बंद करने व रात्रि में2 या 3बजे सप्लाई करनी शुरू कर दी हैं जिन कारणों से कम वोल्टेज के चलते किसानों ट्रांसफार्मर जल जाते हैं। जले हुए ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए विधुत विभाग के पास में जमा करवाने के बाद 1महीना या 1महीने से अधिक दिनों में समय में नही बदलते हैं। जब भी किसानों जले हुए ट्रांसफार्मर जमा करवाने के बाद भी समय पर नहीं मिलने व उनको बिजली विभाग के ऑफिस का चक्कर काटकर परेशान हो जाते है। पीड़ित किसानों द्वारा धरना दिया गया।
– विभागीय नुमाइंदे किसानों को कर रहे गुमराह :
किसानों का कहना हैं कि बिजली विभाग का अधिकारी भूराराम चौधरी रात्रि में करीब 11बजे इटवाया, पाऊँ, जीएएस पर पहुंच कर बिजली सप्लाई बंद करवाकर जो सुबह 4या 5बजे तक बिजली सप्लाई बंद रखता हैं। जब बिजली सप्लाई बंद करने की जानकारी किसानों को उन्होंने विभाग के अधिकारी को कॉल करने लगे और किसानों को सही जवाब नहीं मिलने से व फोन बंद करने व सिवाना एक्सईएन सिवाना से बात करने पर कहा कि मेरे पास में गाड़ी नही है, तथा कल गाड़ी आने पर देखेंगे। किसानों ने बताया कि समय रहते दो दिनों में 6घण्टे तक बिजली सप्लाई नहीं मिलने से फिर से उग्र आंदोलन कर धरना प्रदर्शन किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की रहेंगी।
– यह रहे मौजूद :
इस दौरान पूर्व सरपंच प्रेम सिंह पादरू, जब्बर सिंह काकू, सोहनलाल खिलेरी, हस्तीमल राजपुरोहित, बाबूलाल खिलेरी, कालूजी सैन, भोपाराम, बाबू सिंह राजगुरू सहित पादरू, पाऊँ, कांखी, कुण्डल,से बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।