परेशानी:भगत की कोठी-दादर एक्सप्रेस का मोकलसर व मोदरान पर नही होता ठहराव, यात्री निराश

परेशानी:भगत की कोठी-दादर एक्सप्रेस का मोकलसर व मोदरान पर नही होता ठहराव, यात्री निराश
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कम आय वाले स्टेशन पर ठहराव जबकि अधिक आय वाले स्टेशन पर नही, कई बार उठी मांग लेकिन हर बार किया का रहा अनदेखा

नमस्कार नेशन/सिवाना/नवीन सोलंकी

जोधपुर मंडल के भगत की कोठी से -दादर (मुंबई) को जाने वाली ट्रैन न 14807 एक्सप्रेस वाया समदड़ी-जालोर-भीलड़ी-पाटण मार्ग से मुंबई के दादर स्टेशन को जाने वाली ट्रैन का गुजरात के भीलड़ी स्टेशन पर मात्र प्रितिदिन 999 रुपये की आय, साबरमती स्टेशन पर मात्र 375 रुपये की प्रितिदिन आय हो रही है फिर भी इस ट्रेन का गुजरात मे ठहराव दिया गया है। यहाँ पर रेलवे बोर्ड के ठहराव का नया आदेश का नियम प्रितिदिन 16000 रुपये वाला नियम लागू नही है दूसरी तरफ उतर पश्चिमी रेलवे राजस्थान में 16000 रुपये प्रितिदिन प्रति ट्रैन का नियम लागू है। यात्रिरो के द्वारा ट्रैन के ठहराव की मांग की जाती है तो यह नियम बताया जाता है। यात्रियों का कहना है कि जब ट्रेन का ठहराव भी नही है तो आय उस ट्रैन से कैसे होगी? इससे अधिकारियों के द्वारा गलत आंकड़े दिये जा रहे हैं जिससे रेलयात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।आरटीआई से सूचना के अधिकार के तहत ट्रेन संख्या 14807 भगत की कोठी दादर एक्सप्रेस की बोर्डिंग वाइज आय की जानकारी मांगी गई तो उसमें इस ट्रेन की कई स्टेशनों पर आय 16000 रुपये से कम आ रही है जो रेलवे बोर्ड के नियम के अनुसार कई स्टेशनों पर आय भी नही मिल रही है फिर भी ठहराव दिया गया है जिससे रेलवे को करोड़ो रूपये की हानि हो रही है। वहीं दूसरी तरफ मोकलसर व मोदरान स्टेशन पर इस ट्रेन के ठहराव को लेकर सांसद, केंद्रीय मंत्री व यात्री संगठन जब इसके ठहराव की मांग की तो रेलवे बोर्ड आय का बहाना बना रहा है, जिससे लाखो लोगो को गुजरात व मुंबई आवागमन में भारी परेशानी हो रही है।

जहां ठहराव वहां की आय

इस ट्रेन से रेलवे को जो आय प्रितिदिन हो रही है वो निम्न प्रकार से है – रेलवे बोर्ड के आंकड़े के अनुसार दिनांक 01 अक्टूबर 2022 से 02 फरवरी 2023 तक कुल 125 दिन निम्न प्रकार की आय हुई है। समदड़ी जंक्शन पर प्रितिदिन 31 यात्री से मात्र 7252 रुपये, जालोर से 108 यात्री से 22792 रुपए, भीनमाल से 196 यात्री से 49185 रुपए, रानीवाड़ा से 69 यात्री से प्रितिदिन 12990 रुपए व धानेरा स्टेशन से 54 यात्री से प्रितिदिन 9890, भीलड़ी स्टेशन से 04 यात्री से प्रितिदिन मात्र 999 रुपये व साबरमती स्टेशन से प्रतिदिन मात्र 03 पैसेंजर से मात्र 375 रुपये की आय हो रही है। ऐसे में जिस स्टेशन पर कम आय वहाँ पर ठहराव दिया गया है यह रेलवे बोर्ड का कैसा निर्णय हैं? जबकि जोधपुर मंडल के मोकलसर व मोदरान स्टेशन पर इस खंड से चलने वाली सभी ट्रेनो से अच्छा यात्रीभार व आय हो रही है फिर भी पिछले छः माह से इस ट्रेन के ठहराव की मांग की जा रही है लेकिन अभी तक ठहराव मंजूर नही होने से लाखों लोगों को सुबह के समय गुजरात अपने इलाज के लिए आवागमन में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है वहीं दूसरी तरफ गुजरात के कच्छ को आवागमन करने वाली जोधपुर ग़ांधी धाम का भी यही हाल है।

आमजन की समस्या को किया जा रहा अनदेखा

राजस्थान के केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी व जालोर सांसद महोदय देवजी पटेल ने भी इन दोनों ट्रैन के मोकलसर व मोदरान स्टेशन पर ठहराव की मांग रैलमत्री से की है, लेकिन पिछले दो साल से अभी तक राजस्थान में कोरोना कॉल के पहले से जो ठहराव थे वो अभी तक नहीं हुए हैं वही दूसरी तरफ गुजरात मे कोरोना काल के पहले जो ठहराव थे वो वापिस शुरू हो चुके हैं। भारतीय रेल देशभर की एक ही रेल है लेकिन इसके नियम अलग-अलग जोन में अलग कैसे है? जिसके कारण लाखो लोग राजस्थान में परेशान हो रहे हैं लेकिन इस समस्या को लेकर राजस्थान के 25 सांसद ने भी यात्रिहित व जनहित के मुद्दे के लिए शायद मोदी सरकार में आवाज़ नही उठा रहे हैं जिससे कारण लाखो रेलयात्री परेशान हो रहे हैं जिसका खामियाजा आनेवाले चुनाव में जनता दे सकती है।

सांसद की नही हो रही सुनवाई

जालोर सिंरोही सांसद देवजी एम पटेल नें लोकसभा में भी मोदरान व मोकलसर मे जोधपुर गांधीधाम 22483/84 सुपरफास्ट एक्सप्रेस के ठहराव को लेकर मुद्दा उठाया था, लेकिन रेलवे अधिकारी सांसद की आवाज भी नहीं सुन रहे है। तो आम लोगो की कैसे सुनवाई होगी?

यात्रियों को हो रही परेशानी

रेलवे बोर्ड के कोचिंग बोर्ड के अधिकारीगण यात्रिहित व जनहित की परेशानी को दूर नही कर रहे हैं, जिससे रेलवे अधिकारियों की लापरवाही सामने आ रही है, जो कि ट्रेन भगत की कोठी -दादर 14807/08 एक्सप्रेस का मोकलसर व मोदरान पर ज्यादा यात्री भार व आय वाले रेलवे स्टेशन का एक बार और ठहराव नहीं दिया गया। जिसको लेकर आसपास के सैकडो गावों के लोगों को भारी परेशानी हो रही है।

संपादक: भवानी सिंह राठौड़ (फूलन)

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