विशाल पशु चिकित्सा,टीकाकरण एंव परामर्श शिविर आयोजित

विशाल पशु चिकित्सा,टीकाकरण एंव परामर्श शिविर आयोजित
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बाड़मेर

सोयायटी टू अपलिफ्ट रूरल इकोनोमी(श्योर) बाड़मेर, पशुपालन विभाग एंव केयर्न वेदांता फाउंडेशन टेको के संयुक्त तत्वाधान में रूपा की ढाणी ग्राम पंचायत भालनी में निशुल्क विशाल पशु चिकित्सा, टीकाकरण एंव पशु परामर्श शिविर का आयोजन किया गया, जिसमे संदर्भ

सेवा में डा. मैंसाराम पशु चिकित्सक राजस्थान सरकार पशुपालन विभाग प्रोजेक्ट जोधपुर डा. देवराज चौधरी पशु चिकित्सक एमवीवी ओमप्रकाश चौधरी पशुधन सहायक राजस्थान सरकार पशुपालन विभाग मोबाइल वेटरिनरी चिकित्सालय 1962 प्रोजेक्ट बाड़मेर कानाराम चौधरी पशुधन सहायक एमवीवी धरणावास हनुमान राम चौधरी कार्यक्रम प्रबंधक,मालाराम गोदारा सहायक परियोजना समन्वयक, सोना राम चौधरी फ़ील्ड कोऑर्डिनेटर, राजूराम बिश्नोई एमवीवी ड्राईवर एंव समिति सचिव रूपा की ढाणी रेवाराम चौधरी प्रगतिशील दुग्ध उत्पादक जामताराम चौधरी मोटाराम चौधरी विक्रम कुमार चेनाराम जाट ने दी| कार्यक्रम प्रबंधक हनुमान राम चौधरी ने बताया की उक्त शिविर मैं 10 पशुपालको के 14 गोवंश,39 भैस वंश 33, बकरी, सहित कूल 86 पशुओ की जांच कर 47 पशुओ का उपचार, 35 पशुओ का डिवर्मिंग तथा 01 पशु का क्रिटिकल उपचार किया गया| उक्त अवसर पर बोलते हुये कार्यक्रम प्रबंधक हनुमान राम चौधरी ने उपस्थित संदर्भ टीम दुग्ध उत्पादक एवं ग्रामीणों का स्वागत करते हुए एवं शिविर के उद्देश्य की स्पष्टता करते हुए कहा की डेयरी व्यव्साय के लिए जितना उन्नत नस्ल की गाय एंव भैंस की उपयोगिता है, उतना ही ऊंटवंशीय पशु हमारी संस्कृति एंव परंपरा का आधार स्तम्भ है| उन्होंने कहा की ऊंट का उपयोग कृषि कार्य में बंद होने से रासायनिक खेती होने से मानव जानलेवा बीमारियों का शिकार होने लगा है। चौधरी ने कहा कि ऊंट के लिए हरा चारा पीने का स्वच्छ जल की तंगी, ब्यांत मे अन्तर, ओरण एवं गोचर का दोहन, वर्तमान पीढ़ी की उदासीनता, ऊंटनी का दूध न बेचने की परंपरा मार्केटिंग का अभाव आदि समस्याओं एवं परेशानियों से मुकाबला करना होगा। उन्होंने उपस्थित पशुपालकों से आह्वान किया कि वे अपने पशुओं को संतुलित पशु आहार,मिनरल मिकसर, यू.एम. बी. आदि खिलाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ कंटीली तारो,हिंसक जानवरों से सुरक्षा सुनिश्चित करें। चौधरी ने जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु पहल करने का आह्वान किया| उक्त अवसर पर डॉ. मेसाराम वरिष्ठ पशु चिकित्सक ने पशुपालन विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए उपस्थित पशुपालकों को पशुओं में वर्तमान में मौसमी बीमारियां उनकी रोकथाम नस्ल सुधार एवं पशुओं के पोषण एवं खुराक के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए पशुपालन व्यवसाय को बड़े स्तर पर करने हेतु समझाइश की गई| उक्त अवसर पर बोलते पशुधन सहायक ओमप्रकाश चौधरी ने कहा की पशुपालक अपने पशुओं की समय-समय पर जांच करावे, अस्वस्थ पशुओं का समय पर उपचार एवं टीकाकरण कर गंभीर बीमारियों से बचाव सुनिश्चित करें। उक्त अवसर पर डॉ. देवराज चौधरी ने कहां की पशु प्रबंधन एवं पशुओं की देखभाल सार संभाल में महिलाओं के साथ ही साथ परिवार के पुरुषों की भागीदारी जोड़ने से ही पशुपालन व्यवसाय दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति की ओर अग्रसर हो सकता है | उक्त अवसर पर कानाराम चौधरी पशुधन सहायक ने बदलते मौसम में पशुओं की उचित सार संभाल कर पशुओं में होने वाले रोग व परेशानियों मैं कमी लाई जा सकती है |उन्होंने पशुओं का समय पर टीकाकरण डिवर्मिंग करने हेतु समझाइश की| सहायक परियोजना समन्वयक मालाराम गोदारा ने कहा कि पशुपालक जागरूक,सशक्त एवं संगठित बनकर सरकार,गैर सरकारी डेयरी एवं परियोजना की योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि डेयरी एवं पशुपालन व्यवसाय आजीविका का मुख्य आधार है। उन्होंने उपस्थित दुग्ध उत्पादकों एवं ग्रामीणों को परियोजना से जुड़कर लाभ लेने हेतु प्रोत्साहित किया| फील्ड कोऑर्डिनेटर सोनाराम चौधरी, जामताराम चौधरी मोटाराम चौधरी श्रीमती भूरी देवी श्रीमती नेनु देवी बनाराम एवं विक्रम कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथियों संदर्भ टीम एवं वॉलिंटियर्स का मोमैटो शाल एवं माल्यार्पण कर उनका बहुमान किया गया |समिति सचिव रेवाराम चौधरी ने गांव में विशाल निशुल्क पशु चिकित्सा, टीकाकरण एवं परामर्श शिविर आयोजन के लिए संस्था केयर्न फाउंडेशन का आभार जताते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन हनुमान राम चौधरी ने किया।

संपादक: भवानी सिंह राठौड़ (फूलन)

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