मैकेनिक रिंकू ने इलाज के दौरान तोड़ा दम, हुई थी ताबड़तोड़ फायरिंग
4 दिन पहले ताबड़तोड़ फायरिंग में हुआ था घायल, जोधपुर में इलाज के दौरान मौत
नमस्कार नेशन/बाड़मेर शहर में दिनदहाड़े मैकेनिक पर अंधाधुंध फायरिग में घायल हुए युवक ने चौथे दिन जोधपुर हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया। लेकिन, हत्यारों को पकड़ पाने में पुलिस अब तक नाकाम रही है। पुलिस का दावा है कि टीमें हत्यारों के पीछे लगी हुई है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस की जांच में सामने आया है कि रघु और मृतक रिंकू दोनों दोस्त थे। रुपए के लेनदेन को लेकर दोनों के बीच रंजिश हुई थी। रेकी कर अपने साथियों के साथ पंजाब के रहने वाले रघु ने गोलियां बरसा दी। वहीं परिजनों ने भी रघु पर संदेह जताया है।
ये था मामला
दरअसल, मंगलवार को 3 अक्टूबर महाबार रोड पर स्थित एक मोटर गैरेज में स्विफ्ट कार में आए तीन बदमाशों ने गंगानगर निवासी रिंकू उर्फ हरपाल सिंह पुत्र खुशविंदर सिंह पर फायरिंग कर दी। तीन गोली रिंकू के शरीर पर लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया था। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में प्राथमिक उपचार के बाद जोधपुर रेफर कर दिया गया था। शुक्रवार देर रात को घायल रिंकू ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस के मुताबिक फायरिंग में गंभीर घायल हुए रिंकू उर्फ हरपाल सिंह ने शुक्रवार रात को जोधपुर हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक के शव को परिजनों को सुपुर्द कर दिया है। वहीं पुलिस की टीमें हत्यारों की तलाश में लगी हुई है।
नहीं काम आई नाकाबंदी
पुलिस ने फायरिंग की घटना के बाद जिले के साथ जिले से बाहर जाने वाले रास्तों पर नाकाबंदी करवाई थी। लेकिन पुलिस को चकमा देकर बदमाश भागने सफल हो गए। चार दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस फायरिंग कर भागने वाले हत्यारों को पकड़ नहीं पाई है।पुलिस सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को रिंकू महाबार रोड स्थित मामा के गैरेज में कर्मचारी को लेने के लिए गया था। इस दौरान रेकी कर बदमाश निवासी रघु समेत तीन बदमाश एक गाड़ी में आए ओर गैरेज में घुसकर रिंकू पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। रिंकू के सीने, कमर और पैर पर तीन जगह गोली लगी थी।
रघु अवैध मादक पदार्थ का चला रहा था कारोबार
पुलिस सूत्रों के मुताबिक रघु बीते डेढ-दो साल से बाड़मेर में रह रहा था। यहां उसका कोई गैरेज या अन्य कोई धंधा नहीं था। एमडी, स्मैक सहित अन्य नशे का अवैध कारोबार चलाता था। तीन साल पहले जोधपुर रहता था। लेकिन इसके बाद उतरलाई में मकान किराए पर लिया। अब गडरारोड सर्किल के पास किराए के मकान में रहता था। उसके पास गाड़ी थी और एमडी सहित अन्य नशा युवाओं को बेच रहा था। डेढ़ साल से नशे का कारोबार चला रहे रघु की सदर थाना पुलिस को भनक तक नहीं थी।
रुपए मांगता था रिंकू, इसलिए मारी गोली
घायल रिंकू के परिजनों के मुताबिक रिंकू और रघु दोनो साथ में उठते-बैठते थे। रिंकू गैरेज पर गाड़ियां ठीक करने का काम करता था। रघु पंजाब का है। लेकिन दोनो अच्छे दोस्त थे। गडरारोड सर्किल के पास एक ही बिल्डिंग में दोनो अलग-अलग कमरे थे। रिंकू ने रघु को एक लाख रुपए दिए थे। कुछ दिन पहले रघु से रुपए वापस मांगे थे। उस समय दोनों के बीच बोलचाल हुई थी। इसके बाद रिंकू मकान खाली कर शास्त्रीनगर में रहने लगा। इसके बाद से बोलचाल कम थी।