नंदघरों मैं चलाया जा रहा बाजरा उत्पाद प्रशिक्षण कार्यक्रम
धोरीमन्ना
मारवाड़ में प्रमुखता से खाया जाने वाला बाजरा लोगो के लिए रोजगार के नए रास्ते भी खोल रहा है।पौष्टिकता से भरपूर एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से अनुकूल बाजरा को मोटे अनाजों में ग्लोबल पहचान मिल रही है। बाजरा के विभिन्न उत्पादों की देशभर में डिमांड बढ़ रही है। लोग बाजरा को अब नए तरीके,नए फिलेबर में इसके विभिन्न प्रोडक्ट बनाकर आय अर्जन कर रहे हैं।इसमें महिलाएं भी आगे आ रही है।इसी कार्य में केयर्न वेदांता एवं शक्तिशाली महिला संगठन समिति एवं दयाल स्वयं सहायता समूह के सहयोग से बाजरा के बिस्कुट,लड्डू ,नमकीन आदि प्रॉडक्ट बनाने का प्रशिक्षण नंद घर की महिलाओं और बच्चियों को दिया जा रहा है।
घरेलू स्तर से शुरू किया काम
: दयाल स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष राजो ने बताया कि उन्होंने केयर्न वेदांता की ओर से करीब तीन माह पूर्व उद्यमिता विकास कार्यक्रम जोधपुर में बाजरा के प्रोडक्ट बनाने का
प्रशिक्षण मिला। प्रशिक्षणकेबाद,उन्होंने अपने घर से ही छोटे स्तर पर बाजरे के बिस्किट बनाने का काम शुरू किया।शुरुआत में प्रोडक्ट की क्वालिटी को लेकर दिक्कतें आई,लेकिन धीरे-धीरे क्वालिटी में सुधार आया। समूह के सहयोग से केयर्न वेदांत द्वारा संचालित नंदघर जालबेरी, रेबारियो की बेरी,मेघवालों की ढाणी, हीर जी की ढाणी,की 40 से अधिक महिलाओं एवं बालिकाओं को बाजरे के उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया गया।दयाल स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती राजो ने बताया कि महिलाओं का मार्केट लिंकेज भी करवाया जाएगा ताकि महिलाएं अपने प्रॉडक्ट्स को उचित दाम में मार्केट में बेच सके ।कार्यक्रम के दौरान शक्तिशाली महिला संगठन समिति की टीम एवं दयाल स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष एवं सदस्य एवं नंद घर कार्यकर्ता गीता,कमला,आचुकी, बाबू लाल,मेघवालों की ढाणी के अध्यापक ओमप्रकाश व राजेश मौजूद रहे,