लापरवाही:बिजली विभाग के अधिकारियों को हादसे का इंतजार, जर्जर बिजली के पोल बन सकते हैं हादसे का सबब
शिकायतों के बावजूद भी कुम्भकर्णी नींद से नही जाग रहा विभाग
नमस्कार नेशन/सिवाना/नवीन सोलंकी
आमजन का कस्बे की सड़को पर से निकलना मतलब जान हथेली पर रखकर घूमना। हर पल सिर पर मौत मंडराती रहती है, लेकिन हुक्मरानों को हादसों को इंतजार है। कस्बे में बिजली के तार हादसों को दावत दे रहे हैं। हर महीने सुविधाओं के नाम पर लाखों रुपये खर्च करने का दावा किया जाता है, लेकिन हकीकत दावों को खोखला साबित कर रही है। कस्बे में झूलते विद्युत के तार व जर्जर विद्युत पोल कब जानलेवा साबित हो सकते हैं इस पर कुछ कहा नही जा सकता। आए दिन टूटने वाले तारों को लेकर परेशान लोगों की शिकायतों पर भी विभाग नजरअंदाज करता दिखाई दे रहा है। ऐसा लगता है कि शायद उन्हें हादसों का इंतजार है। कई जगहों पर इस तरह के दृश्य देखे जा सकते हैं। विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते कस्बे के नया लुदराड़ा के मुख्य सड़क पर लगे पोल पूर्णतया जर्जर हो चुके हैं। जो कि हादसों का संकेत दे रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि तारों तथा पोलों की देखरेख के अभाव में जर्जर विद्युत तार तथा पोल हादसे को निमंत्रण दे रहे हैं। इन पोलों को लेकर तमाम शिकायतों के बावजूद भी संबंधित अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते हुए किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन बार-बार शिकायत के बावजूद विद्युत विभाग के ऊपर कोई प्रभाव नहीं है।
जर्जर पोल के सहारे विद्युत आपूर्ति
कस्बे में कई जगहों पर जर्जर बिजली पोल से हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती हैं। इसे बदलने के लिए रहवासियों की ओर से भी बार-बार आवाज उठाई गई। लेकिन जिम्मेदार पोल बदलने की दिशा में चुप्पी साधे बैठे हुए है। मोहल्ले में लोहे के जर्जर पोल के सहारे आपूर्ति हो रही है। समस्या काफी दिनों से बनी है। लेकिन यहां के अधिकारी इन्हें बदलना जरूरी भी नही समझते।
हादसे को दावत दे रहे बिजली के पोल
बिजली के खंभे से सीमेंट टूट रहा हैं, जिससे ऊपर से लेकर नीचे तक दरारें आई हुई हैं, जिससे पूरा पोल क्षतिग्रस्त हो गया है। आंधी-तूफान आने पर खंभे के गिरने की आशंका बनी हुई है। तेज हवा चलने पर पोल के गिरने का खतरा बना रहता है। आम सड़क होने के कारण यहां लोगों का आना जाना लगा रहता है। आसपास कई घर भी हैं। ऐसे में खंभा गिरा तो किसी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता। रहवासियों ने विद्युत विभाग से पोल को बदलने की मांग की है।
कार्यवाही सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित
विद्युत विभाग की लापरवाही को लेकर कई बार ट्वीट के माध्यम से अवगत करवाया गया, इस पर सिर्फ जवाब यही मिला कि उपभोक्ता की जानकारी भेजिए, वो भी भेजी गई, फिर मामला शांत। मतलब साफ हैं विभाग की कार्यवाही सिर्फ सोशल मीडिया तक ही सीमित हैं, जबकि विभाग की लापरवाही का खामियाजा जनता धरातल पर भुगतने पर मजबूर हैं।