आचार्यश्री मनोज्ञसूरीश्वर जी के 50वें संयम वर्ष में प्रवेश पर पूरे भारत भर में संयम जीवन को परोपकार दिवस के रूप में मनाया दिनभर चला आयोजनों को दौर, सामायिक साधना के साथ हुआ समापन

आचार्यश्री मनोज्ञसूरीश्वर जी के 50वें संयम वर्ष में प्रवेश पर पूरे भारत भर में संयम जीवन को परोपकार दिवस के रूप में मनाया दिनभर चला आयोजनों को दौर, सामायिक साधना के साथ हुआ समापन
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बाड़मेर 10 अक्टूबर। खरतरगच्छ आचार्य जिनमनोज्ञसूरीश्वरजी म.सा. के संयम जीवन 50वें वर्ष में प्रवेश पर संयम दिवस को परोपकार दिवस के रूप में मनाया गया। इस कड़ी में प्रदेशभर में कई आयोजन हुए जिसमें बाड़मेर में जैन साधर्मिक वर्षीतप समिति की ओर से गुरूवार को जीवन दया, माला, सम्यक्त्व, सामायिक साधना, जरूरतमन्दों को भोजन वितरण एवं अस्पताल में राहत सामग्री वितरण व जीवदया का कार्यक्रम किया गया। जैन साधर्मिक वर्षीतप समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र छाजेड़ फौजी व गौतम संखलेचा सांख ने बताया कि आचार्यश्री ने अपने जीवन को धर्म एवं परोपकार के लिए सर्मपित कर दिया। आज उन्हे संयम जीवन धारण के 50वें वर्ष में प्रवेश कर लिया। गुरूदेव के संयम जीवन की अनुमोदना करते हुए गुरूवार को गुरू के दीक्षा दिवस को परोपकार दिवस के रूप में मना रहे है। उन्होने बताया कि प्रातः नन्दी गौशाला में गौवंश को हरा चारा एवं गुरू खिलाकर परोपकार दिवस की शुरूवात हुई उसके पश्चात गुरू चरणों में माला गिनते हुए आचार्यश्री के दिर्घायु होने की कामना की गई। इसी कडी में राजकीय अस्पताल में मरीजों को फल फ्रूट एवं बिस्किट वितरण, जूना किराडू मार्ग पर ज्ञान वाटिका के बच्चों द्वारा सामयिक की गई। संखलेचा ने बताया कि अस्पताल के बाद कच्ची बस्ती में जरूरतमन्दों को भोजन के पैकेट वितरित किए गया। उसके पश्चात स्थानीय आराधना भवन में सामुहिक सामायिक साधना करते हुए आचार्यश्री अमर रहे के जयघोष के साथ ही कार्यक्रम का समापन हुआ।

संपादक: भवानी सिंह राठौड़ (फूलन)

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