डेढ़ साल में सिवाना नगरपालिका की स्थाई निजी आय को 34 लाख का लगाया चुना
सिवाना
कस्बे में नगरपालिका हुए लगभग डेढ़ साल से ज्यादा का समय गुजर जाने के बावजूद स्थानीय नगरपालिका के प्रशासनिक अधिकारी ने अभी तक स्थाई निजी आय एकत्रित करना जरूरी नही समझा है। जिससे नगरपालिका सिवाना को अब तक लगभग 34 लाख की निजी आय का चूना लग गया है। नगरपालिका की दो दर्जन पक्की दुकानों का किराया, लगभग 200 खोमचों, 150 कियोस्क व केबिनो, थडियों इत्यादि का प्रतिमाह किराया पिछले एक साल से नगरपालिका प्रशासन द्वारा जानबूझकर लापरवाही बरत कर वसूल नही किये जाने के कारण नगरपालिका की निजी आय को लगभग 34 लाख का चूना लगाया गया है। उक्त वसूली समय पर की जाती तो नगरपालिका को प्रतिमाह दो लाख की आय के हिसाब से लगभग 34 लाख की निजी आय होती। तथा उक्त आय कस्बे के विकास में काम आती।
किराया वसूली नही होने से कस्बे में बढ़ा खोमचों व केबिनों का जमघट।
प्राप्त सूत्रों के अनुसार नगरपालिका से पूर्व ग्राम पंचायत के समय में प्रति माह दुकानों, केबिन, खोमचों, थडियों इत्यादि का किराया वसूली से लगभग डेढ़ से दो लाख रुपये की निजी आय प्राप्त होती थी। पिछले तीन साल के दरम्यान कोरोना के बाद से खोमचों, थडियों, केबिनों की कस्बे में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। जिसका मुख्य कारण बेरोजगारी व नगरपालिका द्वारा किराया वसूली नही करना रहा है। नगरपालिका द्वारा किराया वसूली नही करने के कारण पिछले डेढ़ साल के दरम्यान कस्बे में जगह जगह केबिनों व मुख्य मार्गो पर खोमचों का झाल बिछ गया है। नगरपालिका की लापरवाही का खामियाजा जहाँ एक ओर आम ग्रामीण अस्थाई अतिक्रमण के रूप में भुगत रहे हैं। मुख्य मार्गो पर अस्थाई अतिक्रमण से पैदल चलना भी मुश्किल बना हुआ है। वही दूसरी ओर नगरपालिका की स्थाई निजी आय को जानबूझकर चुना लगाया जा रहा है। वही पूर्व में नगरपालिका प्रशासन द्वारा कस्बे के व्यस्तम गाँधीचोक, मोकलसर रोड, बालोतरा रोड स्थित दुकानों के आगे अस्थाई अतिक्रमण हटाने के लिए पुर्व में आयोजित हुई बैठकों में लिए गए प्रस्ताव महज कागजी घोड़े ही साबित हुए हैं।
प्रशासन मलाईदार कार्यो में व्यस्त।
निजी आय की वसूली को नजरअंदाज करते हुए स्थानीय नगरपालिका प्रशासन पिछले लंबे समय से मलाईदार कार्यो में ही व्यस्त हैं। जिसमे मुख्यत दलालों के मार्फ़त पट्टों की फाइलें जमा कर पट्टे बनाने, भवन निर्माण के लिए एनओसी जारी करने व मनमाने ढंग से पक्के निर्माण आदि कार्यो को ही प्राथमिकता दे रही है।
1- विकास की गति को रोका गया है।
एक साल से नगरपालिका की स्थाई निजी आय की जानबूझकर वसूली नही करना एक तरह से कस्बे के विकास में अड़ंगा लगाने जैसा कृत्य किया गया है।
सोहनसिंह भायल पूर्व जिला परिषद सदस्य सिवाना।