फूलण सरपँच मोहनी देवी विश्नोई ने बाड़मेर कलेक्टर को पत्र लिखकर दमकल की व्यवस्था करवाने की मांग की

फूलण सरपँच मोहनी देवी विश्नोई ने बाड़मेर कलेक्टर को पत्र लिखकर दमकल की व्यवस्था करवाने की मांग की
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सिवाना की सुनो सरकार : सिवाना में दमकल का अभाव, स्वाह हो रहे गरीबों के शामियाने 

एक दमकल के अभाव में आए दिन हो रही लाखों रुपये की क्षति

बाड़मेर जिले के सिवाना उपखंड क्षेत्र में प्रतिदिन हजारों की तादाद में ग्रामीणों की आवाजाही रहती हैं। बावजूद इसके यहां आग को बुझाने के लिए दमकल की सुविधा नहीं होने के कारण लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा हैं। इतना बड़ा क्षेत्रफल होने के बावजूद भी यहां किसी भी प्रकार की आग लगने की घटना होने पर आग बुझाने के लिए दमकल की सुविधा नहीं होने से बड़ी समस्या हो रही हैं। सिवाना उपखंड पर दमकल वाहन की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही हैं लेकिन जिम्मेदारों की ओर से इस ओर ध्यान आकर्षित नहीं करने से समस्या बढ़ती जा रही हैं।

– कई घटनाएं हो चुकी हैं घटित आखिर समाधान कब?

 

सिवाना उपखंड क्षेत्र में आए दिन आगजनी की घटनाएं घटित हो रही हैं जिसमें हाल ही में फूलण गांव में दो घर जलकर स्वाह हो गए, मायलावास गांव में गौर के चौक में रखे जेजेएम योजना के लाखों रुपये के पाईप जलकर स्वाह हो गए, कुछ माह पूर्व मायलावास गांव में एक वाल्मीकि परिवार का जलकर खाक हो गया था, ऐसी तो कई घटनाएं हैं। ऐसे में अगर समय रहते दमकल सुविधा नहीं मिली तो निकट भविष्य में भी बड़ी घटनाएं होने की आशंका है।

 

 

– नगरपालिका व उपखंड होने के बावजूद दमकल की व्यवस्था नही :

 

सिवाना नगरपालिका व उपखंड मुख्यालय होने के बावजूद भी यहां पर दमकल की सुविधा नहीं हैं। बालोतरा से आने में दमकल को एक घण्टे से अधिक समय भी लग जाता हैं। इस दौरान दमकल समय पर नहीं पहुंचने पर भारी नुकसान हो जाता हैं। पूर्व में भी आग लगने से कई बड़े हादसे हो चुके हैं और इस ओर जिम्मेदारों को ध्यान देने की जरूरत हैं।

 

 

– फूलण सरपंच मोहनी देवी विश्नोई ने बाड़मेर कलेक्टर से की दमकल की मांग :

 

सिवाना व समदड़ी क्षेत्र में आए दिन आगजनी की घटनाएं घटित होती रहती है। जिसमें किसानों व व्यापारियों को लाखों का नुकसान हो जाता है। इस क्षेत्र में आग बुझाने हेतु दमकल की व्यवस्था वर्तमान में बालोतरा से होती है। जिसके पहुँचने में दो घंटा तक लग जाता है। तब तक सब कुछ जलकर स्वाहा होकर अंगारे व राख में तब्दील हो जाता है। दमकल द्वारा अंगारे बुझाए जा सकते है। नुकसान नहीं रोका जा सकता है। जब जब ऐसी घटना घटित होती है फायर ब्रिगेड की मांग उठती है। फिर सब भूल जाते है या अनदेखा कर दिया जाता है। अगर समय रहते इस बारे में ध्यान नहीं दिया गया तो किसी दिन जनहानी जैसा बहुत बड़ा हादसा हो सकता है और सिवाय पछतावे के कुछ नहीं हो सकेगा।

संपादक: भवानी सिंह राठौड़ (फूलन)

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