राजस्थान में नही बदला सियासी रिवाज, 5 साल बाद फिर से सत्ता में वापसी
नमस्कार नेशन/जयपुर
राजस्थान में एक बार फिर हर पांच साल में सरकार बदलने का ट्रेंड जारी है। इस विधानसभा चुनाव में भाजपा बहुमत हासिल कर रही है। चुनाव आयोग के मुताबिक भाजपा 115 और कांग्रेस 69 सीटों पर आगे है, वहीं 15 सीटों पर अन्य उम्मीदवार आगे हैं। भाजपा 112, कांग्रेस 64 और अन्य ने 14 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है। हार स्वीकार कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है। पहली बार चुनाव लड़ रही भारत आदिवासी पार्टी ने 3 सीट पर जीत दर्ज की है। हनुमान बेनीवाल को छोड़कर उनकी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से कोई भी उम्मीदवार नहीं जीत पाया है। राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त बहुजन समाज पार्टी के 2 विधायक ही जीते हैं, तो आम आदमी पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी इस चुनाव में भी छाप नहीं छोड़ सकीं। दोनों एक भी सीट नहीं जीत सकी। ओवैसी की एआईएमआईएम, कम्युनिस्ट पार्टी खाता भी नहीं खोल पाई है। इस चुनाव में कई चौंकाने वाले परिणाम आए हैं। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी हार गए हैं। इसके साथ ही परसादी लाल मीणा, प्रताप सिंह खाचरियावास सहित कांग्रेस के 25 में से 17 मंत्री हार गए हैं। शांति धारीवाल जीत गए हैं। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया भी हार गए हैं। भाजपा ने जिन 7 सांसदों को चुनाव लड़ाया था, उनमें से 4 आगे और 3 पीछे चल रहे हैं और दोनों सांसद तीसरे नंबर पर चल रहे हैं। इस बार जनता ने फिर सरकार बदली है, लेकिन यह पहली बार है कि विधानसभा अध्यक्ष समेत नेता प्रतिपक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष हार गए हैं।चुनाव नतीजों पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि राजस्थान की शानदार जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दी हुई गारंटी की जीत है। वहीं हार स्वीकार करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि काम करने के बाद भी हम कामयाब नहीं हुए, इसका मतलब यह नहीं है कि वे काम न करें। यह अप्रत्याशित परिणाम है। वहीं राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि नतीजे स्वीकार करते हैं, विचारधारा की लड़ाई जारी रहेगी।
कांग्रेस के मंत्री और विधायक जो हारे
बीडी कल्ला, परसादी लाल, ममता भूपेश, प्रताप सिंह खाचरिवास, राजेंद्र यादव, अर्जुन बामनिया, भंवर सिंह भाटी, जाहिदा खान, शकुंतला रावत, गोविंद राम मेघवाल, भजनलाल जाटव, सालेह मोहम्मद, उदयलाल आंजना, रमेश मीणा, विश्वेंद्र सिंह, प्रमोद जैन भाया और सुखराम विश्नोई।
विधायक जो हारे
रघु शर्मा, बाबूलाल नागर, वीरेंद्र चौधरी, कृष्णा पूनिया, वेद प्रकाश सोलंकी, गोपाल मीणा, ओमप्रकाश हुडला, महादेव सिंह-खंडेला, खुशवीर सिंह, संयम लोढ़ा-सिरोही, गंगादेवी, राजकुमार शर्मा, दीपेंद्र सिंह शेखावत, इंद्रराज गुर्जर, नसीम अख्तर, मंजू देवी, विजय पाल मिर्धा, महेंद्र चौधरी, खुशवीर सिंह, मीना कंवर, मनीशा पंवार, रूपाराम, संयम लोढ़ा, प्रीति गजेंद्र शक्तावत, राजेंद्र सिंह बिधूड़ी और सीपी जोशी।
गहलोत ने दिया सीएम पद से इस्तीफा
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार होने के बाद सीएम अशोक गहलोत अब अपना इस्तीफा दे दिया है। सीएम शाम करीब सवा छह बजे राजभवन पहुंचे। वहां सीएम गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र को अपना इस्तीफा सौंपा। इस बीच बीजेपी में नई सरकार के गठन को लेकर कवायद तेज हो गई है, बीजेपी जल्द ही अपने पर्यवेक्षकों को दिल्ली से जयपुर भेजेगी।
स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में लौटी बीजेपी
राजस्थान में बीजेपी स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में लौट रही है। इसके बाद अब सीएम फेस को लेकर कवायद शुरू हो गई है। कल शाम को या परसों विधायक दल की बैठक हो सकती है। अब विधायक दल की बैठक का समय मुकर्रर करने की तैयारी की जा रही है। सीएम के चयन के लिए बीजेपी आलाकमान पर्यवेक्षक जयपुर भेजेंगे। उसके बाद विधायको की राय पर पार्लियामेंट्री बोर्ड सीएम का नाम तय करेगा।
सिरोही में नहीं चला कांग्रेस के विकास का दांव
सिरोही में विधानसभा आमचुनाव 2023 के तहत रविवार को घोषित किए गए चुनाव परिणाम में भाजपा ने तीन में से दो विधानसभा क्षेत्रों में जीतकर अपना दबदबा कायम रखा। इस चुनाव में दोनों ही पार्टियों को एक एक बड़ा झटका लगा है। इसमें सिरोही विधायक एवं मुख्यमंत्री सलाहकार संयम लोढ़ा एवं रेवदर से लगातार चार बार से विधायक जगसीराम कोली चुनाव हार गए हैं। सिरोही विधानसभा में कांग्रेस का विकास का दांव भी नहीं चला।