प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन को लगाया जा रहा पलीता, इधर पानी के लिए मचा हाहाकार

प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन को लगाया जा रहा पलीता, इधर पानी के लिए मचा हाहाकार
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जल जीवन मिशन का कार्य अधूरा, इधर नलों में पंहुच रहा खारा पानी, ग्रामीण संकट में

एक्सईएन साहब कॉल रिसीव नही करने से जनता की समस्या का समाधान नही हो जाएगा

नमस्कार नेशन/सिवाना

देश के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी का सपना है कि 2023 तक हर घर तक जल जीवन मिशन के तहत नल कनेक्शन कार्य पूरा कर लिया जाए, उसके लिए मुख्यमंत्री भी बार बार निर्देश दे रहे हैं, कलेक्टर भी मिशन को लेकर गंभीर हैं लेकिन सिवाना उपखंड क्षेत्र के मायलावास गांव में जल जीवन मिशन योजना में लापरवाही देखने को मिल रही है। यहां लंबे समय से पाइपलाइन बिछाने का कार्य अधूरा पड़ा हैं, इस बारे में विभागीय अधिकारियों से बात करने पर सिर्फ आश्वासन ही मिलता हैं, लेकिन ठेकेदार पर सख्ती नही बरती जा रही हैं। परिणामस्वरूप गांव के बाशिंदों की आंखे मीठे पानी के इंतजार में पथरा गई हैं। प्रोजेक्ट को पूर्ण अमलीजामा कब पहनाया जाएगा यह तो ठेकेदार व अधिकारी ही जाने। मगर गांव में पानी को लेकर स्थिति गंभीर बनी हुई हैं। निर्माण एजेंसी की लापरवाही मुसीबत बनती जा रही है। आधे से अधिक स्थानों पर आलम ये है कि जल जीवन मिशन के तहत पाइपलाइन भी नही बिछाए गए हैं, ऐसे में गांव का विकास कार्य अधूरा पड़ा हैं। अगर ऐसे ही चलता रहा तो आने वाले समय में यहां जल जीवन मिशन के तहत बनी टँकी शो पीस बनकर रह जाएगी।

एक्सईएन साहब ने कॉल नही किया रिसीव

मामले को लेकर संवाददाता ने एक्सईएन साहब को कॉल किए थे मगर उन्होंने कॉल रिसीव नही किए, इससे कुछ दिन पहले और कॉल किया गया था मगर उस वक्त भी साहब व्यस्त होने के चलते कॉल नही उठा पाए। एक्सईएन साहब से अधूरे पड़े कार्य को लेकर लास्ट 23 जनवरी को बात की थी तब उन्होंने बताया था कि ठेकेदार को नॉटिस दिया गया हैं। लेकिन स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई हैं। एक्सईएन आपके कॉल रिसाव नही करने से समस्या का समाधान नही हो जाएगा, इसके लिए आपको ठेकेदार के प्रति सख्ती बरतनी पड़ेगी। अन्यथा तारीखों का दौर ऐसे ही चलता रहेगा और जनता ठगी सी रह जायेगी।

इधर खारा पानी पीने पर मजबूर ग्रामीण

इधर गांव के वाशिंदे खारा पानी पीने पर मजबूर हैं। मीठे पानी का जल स्त्रोत घटने की वजह से लोगों को खारा पानी पीने के लिए विवश होना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि जल जीवन मिशन शुरू होने के साथ मीठा पानी मिलने की उम्मीद जगी थी लेकिन इस योजना का कार्य भी कई महीनों से बंद पड़ा हैं। ऐसे में खारा पानी पीने से लोगों को कई तरह की शारीरिक बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है। लोग घुटनों में दर्द से लेकर दांत और हड्डी से संबंधित रोगों की चपेट में लगातार बने हुए है। ग्रामीणों ने बताया कि घरों में लगे नलों में पानी इतना खारा है कि उसे पीना तो दूर उससे खाने के लिए दाल और सब्जी तक सही तरह से नहीं बन पाती। ऐसी स्थिति में खाना पकाने एवं पीने के लिए पानी जुटाने के लिए काफी समय से संघर्ष करना पड़ रहा है। पेयजल के लिए गांव की महिलाएं एवं युवतियां सुबह होते ही मीठे पानी की जदोजहद में लग जाती हैं। और लंबी दूरी तय कर पानी का इंतजाम कर पाती हैं। इसके बावजूद इस समस्या पर सरकार एवं प्रशासन के द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके चलते लोगों को मीठे पानी के लिए दूरदराज से पानी लाकर पीने और खाना पकाने का जुगाड़ करना पड़ रहा हैं।

इनका कहना :

पानी में अभी क्लोरीन डलवा देता हूँ और परसों तक पाइपलाइन बिछाने का कार्य शुरू हो जाएगा।

दीपक, सहायक अभियंता, जलदाय विभाग सिवाना

संपादक: भवानी सिंह राठौड़ (फूलन)

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