शिविर में 10 महिलाओं के हुए नसबंदी ऑपरेशन, महीलाओं को जमीन पर लेटाया

शिविर में 10 महिलाओं के हुए नसबंदी ऑपरेशन, महीलाओं को जमीन पर लेटाया
Spread the love

बालोतरा

परिवार नियोजन के लिए नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया। बालोतरा जिले के निकटवर्ती राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किटनोद में नसबंदी शिविर आयोजित किया। शिविर में महिलाओं ने जागरूकता दिखाते हुए 10 महिलाओं के नसबंदी ऑपरेशन करवाएं। वहीं पुरुष नसबंदी के लिए कोई आगे नहीं आया। शिविर में 10 महिलाओं ने पंजीकरण करवाकर ऑपरेशन करवाया। चिकित्सा प्रभारी भरत राजपुरोहित ने बताया कि शुक्रवार को राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 10 पंजीयन आए व जागरूक महिलाओं ने नसबंदी ऑपरेशन करवाया। शिविर में स्वास्थ परीक्षण करने के बाद ही महिलाओं के नसबंदी ऑपरेशन किए गए। शिविर में ऑपरेशन के लिए ग्राम किटनोद क्षेत्र से आशाओं आदि के सहयोग से 10 महिलाओं को लाया गया था जिनमें 10 महिलाओं को जांच के बाद नसबंदी ऑपरेशन करने के लिए फिट मानते हुए ऑपरेशन किया गया।जिसमें राजकीय जिला चिकित्सालय नाहटा से अरविंद पटेल (सृजन), नया अग्रवाल स्त्री रोग विशेषज्ञ, भरत राजपुरोहित चिकित्सा प्रभारी एवं समस्त टीम की अहम भूमिका रही। 

 

*न पलंग, न गद्दे, नेट बिछाकर ज़मीन पर लेटाया, इन्फेक्शन फैलने का डर*

जिले के राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किटनोद में नसबंदी ऑपरेशन शिविर का शुक्रवार को आयोजन किया गया। शिविर में 10 महिलाओं ने ऑपरेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया। स्वास्थ्य परीक्षण स्वास्थ के बाद सभी महिलाओं का ऑपरेशन किया गया। शिविर में अव्यवस्थाओं का आलम ऐसा था कि ऑपरेशन के बाद इन महिलाओं को ना तो लेटने के लिए पलंग मिले, ना ही गद्दे मिले। ऑपरेशन होने के बाद ग्रीन नेट बिछाकर जमीन पर महिलाओं को लेटा दिया गया। नसबंदी ऑपरेशन के बाद महिलाओं को एक दूसरे से सटाकर लिटाया गया है। जिससे इंफेक्शन फैलने का खतरा भी बना हुआ है। इसके बाद महिलाओं के परिजन उन्हें अपने साधन से घर ले गए।

 

स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर अव्यवस्था

 

स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर अव्यवस्थाओं की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। ऐसा ही एक मामला बालोतरा जिले के राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किटनोद में सामने आया है। यहां अव्यवस्थाओं के बीच महिला नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया। टार्गेट पूरा करने के चक्कर में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा महिलाओं की नसबंदी कर दी गई। हद तब हो गई, जब नसबंदी ऑपरेशन के बाद महिलाओं को बेतरतीब ढंग से जमीन पर लिटा दिया गया।

संपादक: भवानी सिंह राठौड़ (फूलन)

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Don`t copy text!