कनाना मेले में उमड़े मेलार्थी, गैर नृतकों ने मन मोहा
मेलों से बढ़ती हैं आपसी भाईचारे व अपनत्व की भावना: चैनकरण सिंह
बालोतरा
बालोतरा के कनाना में हर वर्ष की भांति सोमवार को शीतला सप्तमी मेला आयोजित हुआ। मेले में आसपास के गांवों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और शीतला माता मंदिर पर पूजा अर्चना कर खुशहाली की कामना की। मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। मेले में विभिन्न गांवों के गैर नृत्य दलों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। ढोल की थाप पर रंग-बिरंगी आंगी बानगी पहने कलाकारों ने डांडिया गैर नृत्य कर लोगो मंत्रमुग्ध कर दिया। सुबह से ही मेलार्थियों के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों से गैर दलों की आवक शुरू हो गई। मेले में करीब दो दर्जन से अधिक गैर दल मेले में पहुंचे। करीब 40 मीटर की आंगी-बांगी पर लाल कलंगी लगाकर, पैरों में घुंघरू बांधकर डांडियों की टंकार के बीच गैर नृत्य की प्रस्तुति दी। मेला मैदान में कई जगह पर गेरिए नृत्य करते नजर आए। मेले में कनाना के साथ ही कीटनोद, पारलू, कल्याणपुर, कुंपावास, आसोतरा, मेली, खाखरलाई और अन्य क्षेत्रों से गैर दल पहुंचे।
हाट बाजार में श्रद्धालुओं ने उठाया आनंद
गांव में शीतला सप्तमी के दिन भव्य मेला का भी आयोजन किया गया। जिसमें बाहर से अलग-अलग हाट बाजार भी लगते हैं। जिसमें श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़कर आनंद उठाते हैं। साथ ही साथ मेले में झूले भी लगता है छोटे से लगाकर बड़े तक सब हाट बाजार का आनंद लुफ्त उठाते हैं।
मेले से बनता है भाईचारा और अपनत्व- चैनकरण सिंह
मेले में कनाना सरंपच चैनकरणसिंह सहित गणमान्य लोगों ने शिरकत की और माता के दर्शन कर क्षेत्र में खुशहाली की कामना की। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, विधायक अरूण चौधरी, प्रधान भगवतसिंह, ईश्वर सिंह सहित लोग मौजूद थे। इस दौरान सरंपच चैनकरणसिंह ने कहा कि मेले हमारी संस्कृति की पहचान है। मेले आयोजित होने से आपसी भाईचारा और अपनत्व बना रहता है। क्षेत्र के गैर नृत्य ने अपनी अलग ही पहचान बनाई है।