जलदाय विभाग के अधिकारी ठेकेदार के बने हिमायती, कार्यवाही की बजाय दे रहे शाबासी
पाइपलाइन बिछाने का काम छोड़ा अधूरा, गांव में जलसंकट गहराया, समय रहते समाधान नही होने पर ग्रामीणों ने दी आंदोलन की चेतावनी
नमस्कार नेशन/सिवाना/नवीन सोलंकी
बाड़मेर जिले के सिवाना उपखंड क्षेत्र में स्थित मायलावास गांव में जल जीवन मिशन योजना का कार्य आधा अधूरा छोड़ने से ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है। कई बार शिकायत के बावजूद बिछाए गए पाइप लाइन में कनेक्शन न दिए जाने से आक्रोश और बढ़ गया है।ग्रामीणों का आरोप है कि विभागीय लापरवाही से पूरा गांव पेयजल संकट से बेहाल हैं। सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन के तहत मीठे पानी की एक-एक बूंद के लिए लोग तरस रहे हैं। मायलावास गांव में स्थित पानी टंकी से जल जीवन मिशन योजना के तहत पाइप लाइन बिछाने का आधा अधूरा कार्य लंबे समय से ठप पड़ा है। जिसकी विभाग में कई बार शिकायत के बावजूद पाइप बिछाने और कनेक्शन देने का कार्य शुरू नहीं हो सका है। जिससे सरकार की हर घर जल योजना को पलीता लग रहा है। बता दें कि भूगर्भ जलस्तर का संकट होने के कारण इस क्षेत्र में पानी की भारी किल्लत बनी हुई है। विवशता में ग्रामीण महंगे दामों में मोल पानी खरीदकर प्यास बुझाने का जुगाड़ बना रहे हैं, जो नाकाफी साबित हो रहा है। गुस्साए ग्रामीणों ने विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया हैं, और कहा कि अगर समय रहते कार्य शुरू नही किया गया तो एनएच 325 जाम कर आंदोलन किया जाएगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
ठेकेदार की लापरवाही पहले भी हो चुकी हैं जगजाहिर
ठेकेदार की लापरवाही का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता हैं कि गांव में जल जीवन मिशन के तहत बनी पेयजल टंकी में टेस्टिंग के दौरान ही जल रिसाव हो गया था, जिससे आसपास की जमीन और टंकी के पास सीमेंटेड किनारो पर बड़ी बड़ी दरारे आ गई थी, ज़िस पर ग्रामीणों ने घटिया निर्माण सामग्री इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। ऐसे में इस टंकी की अवधि कितनी होगी, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
निर्माण कार्य में लगातार हो रही हैं देरी
इस टंकी का निर्माण ठेकेदार की लेटलतीफी के चलते पहले से ही लगभग दो साल देरी से शुरू किया गया। अब टंकी का निर्माण कार्य जब पूरा हो गया तो शुरुआत में ही पानी का रिसाव शुरू हो गया था। वहीं ठेकेदार की लापरवाही के चलते गांव के विभिन्न जगहों पर ग्राम पंचायत द्वारा खरंजा निर्माण, नालियों निर्माण सहित अन्य विकास कार्य ठेकेदार द्वारा पाइप लाइन लगाने के इंतजार मे रुके हुए है। ज्ञात हो कि गांव में पहले से ही पेयजल समस्या से ग्रामीण परेशान हैं। आखिर ग्रामीणों को कब पानी नसीब होगा यह तो जिम्मेदार ही जाने।
समाधान नही तो करेंगे आंदोलन
ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों व ठेकेदार पर आरोप लगाते हुए कहा हैं कि जलदाय विभाग के अधिकारीयों की उदासीनता के कारण 2 साल बाद भी घरों में पेयजल सप्लाई सुचारू नहीं हो पाई हैं, जिससे ग्रामीणों को महंगे दामों पर पेयजल पानी के टैंकरों से डलवाना पड़ रहा है। वहीं ग्रामीणों ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा हैं कि अगर समय रहते समस्या का समाधान नही हुआ तो आवश्यकता पड़ने पर आंदोलन किया जाएगा।
अधिकारी करते हैं टालमटोल
इस विकराल समस्या को लेकर कई बार विभागीय अधिकारियों को अवगत करवाया मगर वो हमेशा टालमटोल ही करते हैं, वहीं उनके द्वारा यह आश्वासन दिया जाता हैं कि ठेकेदार को नॉटिस जारी करेंगे। लेकिन ऐसा होता नही हैं क्योंकि नॉटिस दिया होता तो कभी का कार्य शुरू कर दिया होता हैं। इससे प्रतीत होता हैं कि ठेकेदार व जलदाय विभाग के अधिकारियों के बीच गहरी सांठगांठ हैं।
आग की भेट चढ़ी सरकारी संपति की मरम्मत कौन करवाएगा?
बता दें कि दीवाली पूर्व यहां आगजनी की घटना घटित हुई थी, जिसमें कुछ पाइप जले थे, जिसकी वजह से यहां पास में ही बना ग्राम पंचायत का शौचालय शुभारम्भ से पहले ही क्षतिग्रस्त हो गया, वही विद्यालय का द्वार टूट चुका हैं, जो कभी भी आफत बन सकता हैं। अब सवाल यह उठता हैं कि आखिर क्षतिग्रस्त हुई सरकारी संपत्ति की मरम्मत कौन करवाएगा?
इनका कहना
ठेकेदार व जलदाय विभाग की लापरवाही के चलते गांव में पाइपलाइन बिछाने का कार्य लंबे समय से अटका पड़ा हैं, खोदे गए गड्ढों को ठीक से पाटा नही गया, खुदाई के दौरान कई पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने की वजह से जलसंकट गहराया हुआ हैं, वहीं गांव में खरंजा निर्माण का कार्य अटका पड़ा हैं, ऐसे में अधिकारियों का यह दायित्व बनता है कि शेष रहे कार्य को तुरंत शुरू करवाएं ताकि आ रही समस्याओं का समाधान हो सकें।
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अशोकसिंह राजपुरोहित
सरपंच, मायलावास