पश्चिमी राजस्थान को गुजरात से कनेक्ट करेगा रूट, 223 किलोमीटर समदड़ी भीलड़ी रेलवे रूट का होगा दोहरीकरण,
2100 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार, वित्तीय स्वीकृति मिलते ही शुरू हो जाएगा प्रोजेक्ट
नमस्कार नेशन/मोकलसर
सामरिक और व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण समदड़ी-भीलड़ी वाया जालोर रेलखंड के दोहरीकरण कार्य के लिए डीपीआर अथार्त डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की गई है। रेलवे कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट की टीम जल्द ही रिपोर्ट मुख्यालय को भिजवाई जाएगी। रेलवे सूत्रों के अनुसार 2100 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। पश्चिमी राजस्थान को यह रेल रूट गुजरात से कनेक्ट करता है।कॉमर्शियल कॉरिडोर के रूप में इसकी खास पहचान है और यह रूट जोधपुर से लेकर कांडला पोर्ट तक कनेक्ट है। भीलड़ी से होते हुए भुज आर्मी बेस को भी जोड़ता है। 26.5 किमी समदड़ी-मोकलसर के बीच सर्वे , 32.87 किमी मोकलसर-जालोर के बीच दोहरीकरण सर्वे, 34.67 किमी जालोर-मोदरा के बीच दोहरीकरण सर्वे, 27.72 किमी मोदरा से भीनमाल के बीच दोहरीकरण सर्वे, 102 किमी दो हिस्सों में भीनमाल- रानीवाड़ा- भीलड़ी तक दोहरीकरण सर्वे हुआ।
– 50 के करीब गुड्स ट्रेनों की होती हैं आवाजाही :
मीटर गेज से ब्रॉडगेज में तब्दील होने के बाद से ही करीब 12 साल में इस रेल रूट से गुड्स ट्रेनाें की आवाजाही काफी अधिक होने लगी है। शुरुआत में जहां इस रूट से मात्र 15 से 20 गुड्स ट्रेनें ही गुजर रही थी। वहीं अब 24 घंटे में इस रूट से 50 के करीब गुड्स ट्रेनाें की आवाजाही होती है। दूसरी तरफ अभी इस रूट से दो साधारण सवारी गाड़ी समेत 8 एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनाें की आवाजाही होती है। इस रूट पर रेल ट्रैफिक बढ़ता जा रहा है। भविष्य से जुड़े इस रेल रूट को इसी कारण से अहम मानते हुए रेल मंत्रालय की ओर से अहमियत दी गई और पहले स्तर पर सर्वे करवाया गया। दूसरी कड़ी में हाल ही में इसकी डीपीआर बन चुकी है।
– वित्तीय स्वीकृति मिलते ही शुरू हो जाएगा प्रोजेक्ट :
समदड़ी-भीलड़ी रेल खंड उत्तर रेलवे को पश्चिमी रेलवे से कनेक्ट करता है। यह रूट उत्तर पश्चिमी रेलवे के अंतर्गत आता है। इसी कारण से अहम है। रेलवे टीम ने अलग अलग हिस्सों में हुए सर्वे की डीपीआर तैयार कर प्रोजेक्ट कोस्ट निकाली है और उसके बाद इसकी रिपोर्ट तैयार की है। जिसे रेलवे मुख्यालय भेजा जा रहा है। अब मुख्यालय स्तर पर प्रोजेक्ट की क्वेरी होगी और प्रोजेक्ट को रेलवे बोर्ड को भेजा जाएगा। बोर्ड से प्रोजेक्ट पर वित्तीय स्वीकृति के साथ काम शुरु हो जाएगा।
– करीब 92 साल पुराना है रेलवे ट्रैक :
करीब 92 साल पुराने इस रेलवे ट्रैक के विकास के लिए समय के साथ अनेक कार्य हुए। इस रूट पर 2006 तक मीटर गेज पर स्टीम इंजन चलते थे। वर्तमान में डीजल इंजन से टे्रनों का संचालन हो रहा है। दूसरी तरफ भविष्य में इस रूट पर इलेक्ट्रिक ट्रेनें संचालित होगी। इसके लिए विद्युतीकरण का कार्य भी चल रहा है। इस रूट के समानांतर ही दोहरीकरण का कार्य भी प्रस्तावित है।
– जालोर के ग्रेनाइट उद्योग को हाेगा बड़ा फायदा :
वर्ष 2009 में इस ट्रैक के ब्रॉडगेज होने के बाद से ही इस रूट पर गुड्स ट्रेनाें की आवाजाही अधिक हो रही है। इससे यात्री गाड़ियों की आवाजाही पर भी असर पड़ता है। जालोर ग्रेनाइट नगरी के नाम से विख्यात है और कंटेनर यार्ड की मांग भी उठ रही है। ऐसे में भविष्य में यह रूट कॉमर्शियल कॉरिडोर के रूप में विकसित होगा और गुड्स ट्रेनाें की आवाजाही अलग ट्रैक पर होने के साथ यात्री गाड़ियों का संचालन भी प्रभावित नहीं होगा। यात्री गाड़ियों के लिए अलग रूट हो जाने से लंबी दूरी की ट्रेनाें का संचालन निर्बाध रूप हो सकेगा। अभी इस रूट पर गुड्स ट्रेनाें की आवाजाही अधिक होने से यात्री गाड़ियों का संचालन अपेक्षाकृत कम है और दक्षिण भारत के लिए ट्रेनों का संचालन नहीं हो रहा है। जबकि सर्वाधिक प्रवासी यहां व्यापार करते हैं। लंबे सफर के लिए अभी जिले के यात्रियों की निर्भरता जोधपुर और फालना पर अधिक है।
इनका कहना :
“समदड़ी-भीलड़ी रेल खंड के दोहरीकरण का कार्य प्रस्तावित है। इसके लिए सर्वे होने के साथ डीपीआर का काम भी पूरा हो चुका है”
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पुरुषोत्तम परवालेवाल, पीआरओ, उत्तर- पश्चिम रेलवे
“रेलवे ने समदड़ी, भीलड़ी खंड के दोहरीकरण का सर्वे करवाया गया है। डबल लाइन बनने से गुड्स ट्रेनों के कारण सवारी गाड़ियों के संचालन को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा, इससे लोगों और प्रवासियों को फायदा मिलेगा”