मोकलसर में जाम की स्थिति हुई आम, परेशानी झेल रहे वाहन चालक ;एसबीआई बैंक का स्वयं का नही हैं पार्किंग इसलिए यहां होता हैं वाहनों का जमावड़ा, इसलिए बनती हैं जाम की स्थिति
नमस्कार नेशन/सिवाना
सिवाना क्षेत्र के अंतर्गत मोकलसर कस्बे में जाम की स्थिति आए दिन नासूर बनी हुई हैं। ज्ञातव्य हैं कि यह एनएच 325 हैं जहां से प्रतिदिन हजारों की तादाद में वाहन गुजरते हैं। पुख्ता इंतजाम नही होने की वजह से बाजार में दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती है। राजमार्ग का कोई बाइपास नहीं होने से दिनभर इस मार्ग पर ग्रेनाइट से लगे बड़े टोला व ट्रक चलते रहते हैं। सड़क की कम चौड़ाई और कस्बे के मुख्य मार्ग पर स्टेट बैंक के सामने खड़े बेतरतीब दुपहिया वाहनों मुख्य मार्ग और भी संकरा हो जाता है। ऐसे में भारी वाहनों के इस संकरे मार्ग पर प्रवेश और सामने से भी बड़ों वाहनों से क्रॉस की स्थिति में घंटों की जाम की स्थिति न जाती है। कई बार जाम लगने से करीब आधा और एक किलोमीटर तक की लंबी वाहनों की कतारें लग जाती है। इससे पैदल चलने वाले आम राहगीरों सहित दुपहिया वाहन चालकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं आपातकालीन स्थिति में कोई ये जाम और भी मुश्किलें पैदा करता है। रोजाना की ऐसी स्थिति के यावजूद पुलिस प्रशासन व स्थानीय ग्राम पंचायत की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
दिनभर होता हैं वाहनों का आवागमन
बालोतरा से अहमदाबाद, सूरत, फालना, सिरोही, उदयपुर व चित्तौडगढ़ को जाने वाले वाहन भी इसी सड़क मार्ग से होकर गुजरते हैं। साथ ही सिवाना, फूलण, देवड़ा क्षेत्र से ग्रेनाइट के पत्थरों से भरे वाहनों का आवागमन भी इसी रास्ते से होता है। इस नेशनल हाइवे पर मोकलसर कस्बे का मैन बाजार व बैंक स्थित है। ऐसे में दिनभर सड़क पर लोगों के वाहन भी खड़े रहते ऐसे में एक भी भारी वाहन आ जाए तो मश्किल पैदा हो जाती है।
ट्रैफिक पुलिस की खल रही कमी
गौरतलब हैं कि यह बैंक नेशनल हाइवे 325 पर स्थित हैं इसलिए छोटे-बड़े वाहन, नेताओं की गाड़ियां, दमकल, एम्बुलेंस इत्यादि इसी मार्ग से निकलते हैं लेकिन यह मार्ग संकड़ा होने और बैंक का पार्किंग स्थल नही होने की वजह से यहां दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती हैं ऐसे में अगर यहां एक ट्रैफिक पुलिस नियुक्त किया जाता हैं तो हो सकता हैं आवागमन सुगम हो।
ऐसे मिल सकता हैं समस्या से निजात
सरकार द्वारा कई वर्ष पूर्व मोकलसर गांव के बाहर की तरफ बीएसएनएल ऑफिस के पास बैंक को जमीन आवंटित की गई थी जिसका बोर्ड आज भी लगा हुआ हैं लेकिन इतने सालों बाद भी वहां बैंक का निर्माण नही हो पाया हैं ऐसे में अगर बैंक का निर्माण वहाँ होता हैं तो आमजन को इस नासूर समस्या से निजात मिल सकती हैं।