चोर बने पुलिस के लिए चुनौती; सर्दी के साथ क्षेत्र में बढ़ी चोरी की वारदातें, एक रात में चार जगह चोरी
गश्त के अभाव में चोरों के हौंसले बुलंद इधर सुनसान मकानों के टूट रहे ताले
सिवाना
सर्दी की आहट के साथ ही शहर से लेकर गांव तक में चोरी की वारदातों में इजाफा हो रहा हैं ऐसे में आमजन अब असुरक्षित महसूस करने लगा है। क्षेत्र में इन दिनों चोरी की सिलसिलेवार हो रही वारदातों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस की रात्रि गश्त को धत्ता बताकर चोर चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं और पुलिस कुछ भी नहीं कर पा रही है। दरअसल सिवाना उपखंड क्षेत्र के मोतीसरा गांव में सोमवार रात्रि को चोरों ने सर्दी का फायदा उठाते हुए चार जगहों पर चोरी की वारदात को अंजाम दिया हैं। मौके पर पंहुचीं सिवाना पुलिस ने घटना स्थल का जायजा लेकर जांच में जुट गई हैं। वहीं ग्रामीणों को जल्द चोरों को पकड़ने का आश्वासन दिया हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस गश्त नही होने की वजह चोरी की घटनाएं होती रहती हैं। और सोमवार को तेज हवा के साथ सर्दी का फायदा उठाकर चार जगहों पर चोरों ने हाथ साफ कर दिए। सिवाना थानाधिकारी पदमाराम भील ने बताया कि थाना क्षेत्र के मोतीसरा गांव में सोमवार देर रात को सर्दी का फायदा उठाकर चोरों ने चार अलग-अलग जगहों पर चोरी की वारदात को अंजाम दिया हैं। चोरों के मौके पर पैरों के निशान बने हुए हैं। पुलिस चोरों की तलाश में जुट गई हैं। इस दौरान मोतीसरा सरपंच फतेहसिंह डाबली, शैतानसिह डाबली, पूर्व सरपंच पोलाराम बग, पूर्व सरपंच गिरधारीलाल सोलंकी, पूर्व सरपंच भगाराम भील सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
पूर्व में हुई चोरियां का अब तक नही हुआ खुलासा
बता दें कि मोतीसरा गांव में इससे दो साल पूर्व सरकारी स्कूल से 12 कंप्यूटर चोरी हो गए थे वहीं सालभर पहले केबल चोरों ने काटकर केबल चोरी की थी, दोनों मर्तबा पुलिस द्वारा यह आश्वस्त किया गया था कि चोरों को जल्द पकड़ा जाएगा। लेकिन आज भी चोर पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता हैं।
ग्रामीणों में भय व्याप्त
बता दें कि इन दिनों सर्दी का सितम जारी हैं। इसलिए रात में कोई खेतों में निगरानी करने जाते हैं तो वहीं लोग जल्दी घरों में दुबक जाते हैं। इसका फायदा उठाकर चोर चोरी की वारदात को अंजाम दे देते हैं। कुछ दिन पहले मोकलसर गांव में भी चोरों ने चोरी की वारदात को अंजाम दिया हैं, आए दिन हो चोरियां से ग्रामीणों में भय व्याप्त हैं कि कब किसके घर के ताले टूट जाएं।