आसमान से बरसने लगा पानी अब कानों में गूंजनी चाहिए जिनवाणी पुण्यार्जन का मौका पावन चातुर्मास
महासाध्वी इन्दुप्रभाजी म.सा. आदि ठाणा का जयकारों की गूंज के बीच सूरत नगर प्रवेश
सूरत के गोड़ादरा क्षेत्र स्थित महावीर भवन में होगा आगामी चातुर्मास
सूरत
मरूधरा मणि महासाध्वी जैनमतिजी म.सा. की सुशिष्या सरलमना जिनशासन प्रभाविका वात्सल्यमूर्ति इन्दुप्रभाजी म.सा., आगम मर्मज्ञा डॉ. चेतनाश्रीजी म.सा., रोचक व्याख्यानी प्रबुद्ध चिन्तिका डॉ. दर्शनप्रभाजी म.सा., तत्वचिन्तिका आगम रसिका डॉ. समीक्षाप्रभाजी म.सा., सेवाभावी दीप्तिप्रभाजी म.सा., विद्याभिलाषी हिरलप्रभाजी म.सा. आदि ठाणा 6 ने शनिवार सुबह धर्मनगरी सूरत के गोड़ादरा में होने वाले वर्ष 2024 के चातुर्मास के लिए नगर प्रवेश किया। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ गोड़ादरा के तत्वावधान में नगर प्रवेश सुबह 8 बजे नैचरवेली कुंभारिया से पूना पाटिया स्थित भक्ति धाम मंदिर के पास वकील वाड़ी में हुआ। भीलवाड़ा के चन्द्रशेखर आजादनगर स्थित रूप रजत विहार में वर्ष 2023 का एतिहासिक चातुर्मास सम्पन्न करने के बाद आगामी चातुर्मास के लिए सूरत पहुंचे महासाध्वी मण्डल की अगवानी के लिए गोड़ादरा सहित आसपास के क्षेत्रों से कई श्रावक-श्राविकाएं पहुंचे थे। उत्साह के माहौल में जयकारों की गूंज के बीच साध्वी मण्डल का सूरत नगर प्रवेश आनंदमय वातावरण में हुआ। प्रवचन में वात्सल्यमूर्ति महासाध्वी इन्दुप्रभाजी म.सा. ने आर्शीवचन प्रदान करते हुए कहा कि चातुर्मास में पानी ओर जिनवाणी दोनों बरसेंगे। जिनवाणी श्रवण का सभी को लाभ लेकर धर्मसाधना करते हुए चातुर्मास को सफल बनाना है। विहार सेवा देने वाले युवा श्रावकों के लिए भी मंगलभावनाएं व्यक्त की। प्रवचन में रोचक व्याख्यानी प्रबुद्ध चिन्तिका डॉ. दर्शनप्रभाजी म.सा. ने कहा कि साध्वी मण्डल सूरत में सभी को धर्म संदेश देने ओर पापों का क्षय करा पुण्यार्जन कराने के लक्ष्य से पहुंचा है। उन्होंने गोड़ादरा श्रीसंघ की खूब-खूब अनुमोदना करते हुए कहा कि संघ पिछले पांच वर्ष से लगातार चातुर्मास की विनती प्रस्तुत करता आ रहा था। यहां के श्रावक-श्राविकाओं की भक्ति व सेवा भावना ने हमे यहां बुला लिया। साध्वी दर्शनप्रभाजी ने कहा कि आसमान से पानी बरसना शुरू हो चुका है ओर चातुर्मास के रूप में समय जिनवाणी बरसाने ओर अपनी पुण्यवानी को सुरक्षित करने का है। चातुर्मास का आगाज होने पर 20-21 जुलाई को 24 घंटे का नवकार महामंत्र जाप करना है ओर चतुर्दशी पर आयम्बिल की साधना करनी है। आगम मर्मज्ञा डॉ. चेतनाश्रीजी म.सा. ने श्रीसंघ ओर विहार सेवा देने वाले युवा श्रावकों को साधुवाद अर्पित करते हुए कहा कि सूरतवासियों की भक्तिभावना सराहनीय है। यहां का संघ हमेशा जिनशासन की सेवा में अग्रणी रहता आया है। तत्वचिन्तिका आगम रसिका डॉ. समीक्षाप्रभाजी म.सा. ने कहा कि चातुर्मास के लिए नगर प्रवेश सुखसाता पूर्वक हो गया अब समय धर्म आराधना में जुट जाने का है। उन्होंने कहा कि जीवन में पांच बाते शयन,लगन, मरण, भोजन, भजन ये स्वयं ही करनी होती है इन्हें कोई अन्य नहीं कर सकता। धर्म हमारी आत्मा की पूंजी है जिसका हकदार कोई दूसरा नहीं हो सकता। इस पूंजी को बढ़ाने के लिए निरन्तर धर्म क्रियाओं में रत रहना चाहिए। चातुर्मास आत्मा की पूंजी को बढ़ाने का माध्यम है। विद्याभिलाषी साध्वी हिरलप्रभाजी म.सा. ने कहा कि चातुर्मास श्रावक-श्राविकाओं को धर्म से जुड़ने की प्रेरणा प्रदान करता है ओर सभी को चातुर्मास में अधिकाधिक धर्मसाधना करने का प्रयास करना चाहिए। समारोह में बालिका मण्डल ने मंगलाचरण, महिला मण्डल एवं बहु मण्डल ने स्वागत गीत की प्रस्तुति दी। स्वागत उद्बोधन देते हुए श्रीसंघ के अध्यक्ष शांतिलाल नाहर ने कहा कि चातुर्मास को सफल बनाने के लिए सभी सदस्य समर्पित भाव से जिस तरह सेवाएं दे रहे है उसके लिए आभार व्यक्त करते है। समारोह में शांतिलाल कोेठारी, संदीप खाब्या, छगनलाल मेवाड़ा, राजूजी छानी आदि ने भी विचार व्यक्त करते हुए आगामी चातुर्मास के एतिहासिक सफल होने की कामना की। बच्चों ने भी स्वागत में प्रस्तुति दी। मंच का संचालन विजय नाहर ने किया। समारोह में श्रीसंघ के उपाध्यक्ष राकेश गन्ना, मंत्री महावीर नानेचा, कोषाध्यक्ष प्रकाश सिंघवी सहित कई पदाधिकारी भी मौजूद थे। चातुर्मास व्यवस्था के लिए गठित विभिन्न समितियों की भी घोषणा की गई। समारोह में गोड़ादरा सहित सूरत महानगर के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं शामिल हुए। प्रवचन के बाद श्रीसंघ द्वारा गौतम प्रसादी का आयोजन किया गया। नगर प्रवेश के बाद अब साध्वी मण्डल का रविवार को उधना की ओर विहार संभावित है।
पहली बार गुजरात पधारने पर साध्वी मण्डल को आदर की चादर समर्पित
महासाध्वी इन्दुप्रभाजी म.सा. आदि ठाणा 6 के गुजरात क्षेत्र में पहली बार आगमन को लेकर भी श्रावक-श्राविकाओं में विशेष उत्साह का माहौल है। नगर प्रवेश के अवसर पर श्रीसंघ ने पहली बार गुजरात आगमन पर महासाध्वी मण्डल के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए सम्मान स्वरूप आदर की चादर समर्पित की। इस दौरान हर्ष-हर्ष,जय-जय गूंजायमान होता रहा। गौरतलब है कि वर्ष 1981 में पाली में पहला चातुर्मास करने वाली महासाध्वी इन्दुप्रभाजी म.सा. ने अब तक राजस्थान से बाहर मात्र एक चातुर्मास हरियाणा में किया है।
महावीर भवन में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश 15 जुलाई को
मरूधरा मणि महासाध्वी जैनमतिजी म.सा. की सुशिष्या सरलमना जिनशासन प्रभाविका वात्सल्यमूर्ति इन्दुप्रभाजी म.सा. आदि ठाणा 6 का श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ गोड़ादरा के तत्वावधान में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश 15 जुलाई को होगा। प्रवेश सुबह 7 बजे माधव पार्क से गोड़ादरा जैन स्थानक महावीर भवन में होगा। श्रीसंघ के साथ युवा मण्डल, महिला मण्डल, बहु मण्डल आदि के सदस्य भी चातुर्मास को एतिहासिक रूप से सफल बनाने के लक्ष्य से समर्पित भाव से सेवाएं दे रहे है।चातुर्मासकाल में प्रतिदिन सूर्योदय के समय प्रार्थना के बाद सुबह 8.45 से 10 बजे तक प्रवचन होंगे। प्रतिदिन दोपहर 2 से 3 बजे तक नवकार महामंत्र का जाप होने के साथ हर रविवार सुबह 7 से 8 बजे तक युवाओं को धर्म संस्कार प्रदान करने के लिए क्लास होगी। इसी तरह हर शनिवार रात 8 से 9 बजे तक बालिकाओं के लिए क्लास होगी। प्रत्येक रविवार को बाल संस्कार शिविर व दोपहर में प्रश्न मंच का आयोजन भी होगा।