– नागनसेल में कवि सम्मेलन का आयोजन, कवियों ने वागड़ी कविताओं का जलवा बिखेरा
बांसवाड़ा। भारत भाग्य विधाता लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा अनावरण एवं श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत वागड़ के प्रसिद्ध कवियों ने श्रोताओं को वागड़ी कविताओं पर झूमने को मजबूर कर दिया। मौक़ा था नागनसेल गांव के ग्रामीणों व युवा मंडल द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन का। मंचासीन समाजसेवी मनोज पाटीदार कालीका पारडा, श्री राष्ट्रीय सरदार पटेल सेना के अध्यक्ष विनोद पाटीदार मसोटीया, वाजेंग पाटीदार सामागड़ा, कल्पेश पाटीदार तोरना, हितेश पाटीदार रहें। वागड़ के कवि जन चेतना की कविताओं के माध्यम से जागरण का कार्य कर रहे हैं। कविता की हर पंक्ति पर वाहवाह का शोर गूंजा। कवियों ने सियासी तंज कसा तो ख़ूब ठहाके लगे। देश भक्ति की अलख जगायी तो वन्देमातरम् की गूंज रही। कवि सुनील पटेल सन्नाटा नेजपुर ने दुनिया के सारे मुल्क हमारे सामने फैल होते, अगर देश के पहले प्रधानमंत्री सरदार पटेल होते रचना सुनाकर श्रोताओं की ख़ूब तालियां बटोरी। पटेल ने गिनती नहीं सीखी ना हीं स्कूल जा सकी, दुनिया की हर गणित को मगर जानती थीं मां, पसीना खेत में गिर कर के कह रहा है हमसे, न भूखा सो सके भारत यही सपना किसानों का कविता पढ़कर किसान वर्ग का ध्यान आकर्षित किया। साथ ही पटेल ने अपनी कविता दौलत तो खूब सारी कमा लेंगे हम मगर मां बाप से बड़ी कोई दौलत नहीं होती सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। जरूरी हैं कि पूरे विश्व में अखंड भारत हों, हमी में से कोई एक दिन जरूर सरदार निकलेगा कविता सुनाकर सरदार पटेल की नेतृत्व क्षमता बताई एवं हर एक जन गण के मन में क्रांति का सैलाब आया था, कविता थी तो पूरे देश में इंकलाब आया था सुनाकर दाद बटोरी। कवि सुनील ने श्रंगार रस की कविता पढ़ते हुए तुम्हारे लब हीं बोले दिल गवाही क्यूं नहीं देता, तुम्हें मेरे सिवा कुछ भी दिखाई क्यूं नहीं देता से माहौल श्रृंगारमय कर दिया। हास्य कवि गोपाल सेवक ने नारी का हम सम्मान करते हैं मान करते हैं, नारी में नारायण निवास करते हैं जैसी नारी सशक्तिकरण पर अपनी प्रतिनिधि रचना सुनाई। प्रसिद्ध कवि छत्रपाल शिवाजी ने रंग भरी पिचकारी हो घर-आँगन फुलवारी हो दिल दरिया दरबारी हो फागुन ऐसा भारी हो, मन में मिश्री घोली हो खुलकर हँसी ठिठोली हो मस्ती आँख- मिचोली हो ऐसी अपनी होली हो। कभी अनाड़ी खिलाड़ी जीवन रोज जुगाड़ी, कभी कीमती कभी कबाड़ी हर पल एक दिहाड़ी हैं रचना पढ़ी।
सुरेश सरगम ने पुत्र मोह को छोड़ पन्ना राष्ट्र प्रेम दिखलाती है। अरे यहां तो प्रेम मीरा के गीत और राधा के मीत है। वो मर्यादा पुरूषोतम श्री राम को देखो शबरी के झूठे बेरो में प्रेम उन्हें दिख जाता है। लेकर श्रवण कुमार का नाम हर बच्चा बच्चा अपने मात पिता के चरणों में झुक जाता है। कविता के माध्यम से प्रेम की पवित्रता को परिभाषित करते हुए राष्ट्र प्रेम को सर्वोपरि बताया। ऊर्जावान कवि भरत कुमार मीणा ने रूप की रानी नहीं है कविता मेरी एक साधारण सी नारी है कविता मेरी। गीत श्रृंगार के गाए कैसे प्यासी आंखों का पानी है कविता मेरी रचना सुनाई। कवि रोमिल पाटीदार लाफ़्टर ने जो बेटियों की इज्जत से खेलें, उन्हें चौराहे पर फ़ासी होनी चाहिए कविता सुनाकर उपस्थित जन समूह को बांधे रखा। सागवाड़ा के दिनेश पंछी ने वागड़ी गीत “कोय वेवण वताडो”, घर आवया पामणा बाउ बनावो रे सुना कर श्रोताओं का ध्यान वागड़ी कविताओं की ओर खींचा। साथ ही लेकर जाएंगे प्यार जो आप सबने दिया रचना भी सुनाई। कार्यक्रम का सफल संचालन संयोजक कवि सुनील पटेल सन्नाटा नेजपुर ने किया। कार्यक्रम में नागनसेल सहित आसपास के कई गांवों के सैकड़ों काव्य रसिक श्रोताओं की उपस्थिति रही। इस दौरान मुकेश पाटीदार, प्रवीण पाटीदार, जगदीश पाटीदार, गोविंद पाटीदार, भरत पाटीदार, रमेश पाटीदार, मणिलाल पाटीदार, देवेंद्र पाटीदार, राजेंद्र पाटीदार, विनोद पाटीदार, पवन पाटीदार, प्रकाश पाटीदार, ललित पाटीदार, कमलेश पाटीदार, दिनेश पाटीदार, नरेश पाटीदार, कोदरलाल पाटीदार, जितेंद्र पाटीदार व युवा मंडल के सदस्य मौजूद रहें।