बालोतरा।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बालोतरा के अध्यक्ष एमआर सुथार एवं सचिव सिद्धार्थ दीप ने बुधवार को उपकारागार बालोतरा का औचक निरीक्षण कर जेल में मौजूद व्यवस्थाओं एवं बंदियों की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान सुथार साहब ने कहा कि जेलें केवल दंड स्थल नहीं, अपितु सुधार एवं पुनर्वास के केंद्र होने चाहिए। उन्होंने जेल प्रशासन को निर्देशित किया कि बंदियों की गरिमा का सम्मान करते हुए उन्हें एक स्वस्थ, सुरक्षित एवं प्रेरणादायक वातावरण प्रदान किया जाए, ताकि वे समाज में पुनः एक सम्मानजनक जीवन जी सकें। जेल में निरुद्ध बंदियों से सीधा संवाद किया। उन्होंने बंदियों से उनकी समस्याओं, सुविधाओं की उपलब्धता की जानकारी ली। जेल निरीक्षण के दौरान सचिव द्वारा बंदियों से पृथक-पृथक संवाद किया। निरीक्षण के दौरान कारागृह में कोई भी बंदी 18 साल की उम्र से कम का नहीं पाया गया। निरीक्षण के दौरान सुथार ने कारागार परिसर के विभिन्न हिस्सों- जैसे बंदी कक्ष, रसोईघर, चिकित्सा कक्ष, मुलाकात कक्ष एवं सुधारात्मक गतिविधियों के केन्दों का सूक्ष्म निरीक्षण किया। उन्होंने प्रत्येक अनुभाग में जाकर व्यवस्थाओं की वास्तविक स्थिति को देखा और जेल अधीक्षक से सभी बिंदुओं पर जानकारी प्राप्त की। निरीक्षण के दौरान साफ सफाई व्यवस्था का जायजा लिया गया एवं मौसम परिवर्तन को देखते हुए मूलभूत आवश्यकता की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए जेल प्रशासन को निर्देश दिए गए। खाना बनाने हेतु प्रयुक्त स्वचालित चपाती मशीन और गर्मियों में पीने हेतु शीतल और शुद्ध पेयजल हेतु वाटर कूलर का भी निरीक्षण किया गया। सिद्धार्थ दीप ने कहा कि न्याय तक हर व्यक्ति की पहुंच सुनिश्चित करना हमारी संवैधानिक जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी कहा कि बंदियों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना और उन्हें पुनर्वास की दिशा में प्रेरित करना समाज की ओर एक सकारात्मक कदम है। निरीक्षण के दौरान लीगल एड डिफेंस काउंसिल के चीफ थानसिंह, डिप्टी डिफेन्स काउंसिल नीरज चौधरी, असिस्टेंट कृष्णपाल सिंह व उपकारापाल मनोहर सिंह भाटी उपस्थित रहे।